दिल्ली, 12 मार्च 2025 – भारतीय गौ क्रांति मंच के तत्वावधान में 17 मार्च 2025 को दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में ‘गो प्रतिष्ठा निर्णायक दिवस’ का आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन गौमाता की रक्षा, गोहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध और गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करने की मांग को लेकर किया जा रहा है।
ज्योतिर्मठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज और पूज्य गोपाल मणि जी महाराज के नेतृत्व में यह आंदोलन पिछले कई वर्षों से चल रहा है। इस अभियान के अंतर्गत देशभर में गो संसद का आयोजन, गोवर्धन गिरिराज की पदयात्रा, राज्यों की राजधानियों में गो ध्वज की स्थापना जैसे अनेक कार्यक्रम हुए। इसी आंदोलन के प्रभाव से महाराष्ट्र में गोमाता को राज्य माता का सम्मान मिला, लेकिन केंद्र सरकार और अन्य राजनीतिक दल अब तक इस मुद्दे पर मौन बने हुए हैं।
सरकारों और राजनीतिक दलों को अंतिम चेतावनी
आयोजकों ने स्पष्ट किया है कि यह गौभक्तों की ओर से केंद्र सरकार, सभी राज्य सरकारों और समस्त राजनीतिक दलों के लिए अंतिम अवसर होगा। 17 मार्च तक सरकार और राजनीतिक दलों को यह स्पष्ट करना होगा कि वे गौभक्त हैं या गोहत्या समर्थक। यदि वे गाय को पशु की सूची से हटाकर उसे राष्ट्रमाता घोषित करने और गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने की प्रतिज्ञा पत्र जारी नहीं करते, तो यह माना जाएगा कि वे गोहत्या के पक्ष में हैं।
रामलीला मैदान में होगा निर्णायक आयोजन
17 मार्च को सूर्योदय से गोधूलि बेला तक संत-महात्मा, गोभक्त और श्रद्धालु रामलीला मैदान में एकत्रित होंगे। इस दौरान शंकराचार्य पूज्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी, पूज्य गोपाल मणि जी महाराज समेत देशभर के संतों की उपस्थिति में सरकारों और राजनीतिक दलों के रुख का इंतजार किया जाएगा।
पत्रकार वार्ता में हुई घोषणा
इस ऐतिहासिक आयोजन की घोषणा पत्रकार वार्ता में स्वामी प्रत्यक्चैतन्य मुकुन्दानन्द गिरी जी, गो प्रतिष्ठा आंदोलन के सचिव देवेन्द्र पाण्डेय, भारतीय गौ क्रांति मंच के राष्ट्रीय महासचिव विकास पाटनी, गोपाल दास जी महाराज और राजा सक्षम सिंह योगी ने की।
गोभक्तों ने इस अवसर पर **समस्त हिन्दू समाज और गौ-प्रेमियों से 17 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में पहुंचकर इस निर्ण