नई दिल्ली, 28 फरवरी – पर्सनल लोन की वृद्धि दर जनवरी के पहले पखवाड़े तक घटकर 14.2% पर आ गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में 18.2% थी। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, वाहनों और क्रेडिट कार्ड के बकाये में आई कमी इसका मुख्य कारण रही।
ग़ैर-खाद्य क्षेत्र को दिए गए कर्ज की वृद्धि दर भी घटी है। यह दर 12.5% रही, जबकि एक साल पहले समान अवधि में 16.2% थी। उद्योगों को दिया गया कर्ज मामूली बढ़त के साथ 8.2% पर पहुंचा, जबकि पिछले वर्ष यह 7.5% था।
आरबीआई की रिपोर्ट बताती है कि कृषि और संबंधित गतिविधियों को दिए गए ऋण में 12.2% की वृद्धि दर्ज की गई, जो पिछले साल 20% थी। वहीं, पेट्रोलियम, कोयला, धातु, केमिकल और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में कर्ज की मांग में कमी देखी गई।
कब और कैसे लें पर्सनल लोन?
पर्सनल लोन आपातकालीन ज़रूरतों के लिए आसान विकल्प हो सकता है। इसे शादी, इलाज, यात्रा या अन्य निजी ज़रूरतों के लिए लिया जा सकता है। हालांकि, उधार लेने से पहले ब्याज दरों की तुलना करना ज़रूरी है, ताकि सबसे किफायती विकल्प चुना जा सके।
विशेषज्ञों की सलाह है कि लोन तभी लें जब वास्तव में ज़रूरत हो और अपनी भुगतान क्षमता के अनुसार ही कर्ज उठाएं, ताकि वित्तीय बोझ न बढ़े।