नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल के यमुना के पानी को लेकर किए गए दावे पर विवाद खड़ा हो गया है। केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि हरियाणा सरकार ने यमुना के पानी में जहर मिलाया, जिसे दिल्ली जल बोर्ड ने पकड़ा और सामूहिक नरसंहार टल गया।
चुनाव आयोग ने उनके बयान को गंभीरता से लेते हुए नोटिस जारी कर बुधवार रात 8 बजे तक सबूत मांगे हैं। आयोग ने चेतावनी दी कि इस तरह के बयान क्षेत्रीय समूहों में तनाव और कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा कर सकते हैं।
हरियाणा सरकार और अमित शाह का पलटवार
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आरोपों को खारिज करते हुए केजरीवाल से प्रमाण सार्वजनिक करने की मांग की है। उन्होंने इसे ‘घिनौनी राजनीति’ करार दिया और कहा कि हार सामने देख आप पार्टी अफवाहें फैला रही है।
यमुना का पानी जांच के दायरे में
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यमुना के पानी के सैंपल लिए हैं। पंचकूला लैब की रिपोर्ट के अनुसार पानी में किसी भी तरह का जहरीला तत्व नहीं मिला है। पानी के बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) स्तर को नहाने योग्य बताया गया है।
चुनाव के दौरान इस मुद्दे ने राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। अब देखना होगा कि केजरीवाल अपने आरोपों पर क्या सबूत पेश करते हैं।