हरिद्वार, 26 जनवरी 2025:
लाजपतराय मेहरा न्यूरोथेरेपी रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, मोहाली द्वारा 24-26 जनवरी 2025 तक हरिद्वार में आयोजित सिल्वर जुबली महोत्सव में वैदिक चिकित्सा और न्यूरोथेरेपी के क्षेत्र में उनके 25 वर्षों के अतुलनीय योगदान का जश्न मनाया गया। इस अवसर पर देशभर के 22 राज्यों से आए 380 विशेषज्ञों और डेलीगेट्स ने भाग लिया।
कार्यक्रम के दौरान 30 शोध-पत्र प्रस्तुत किए गए, जिनमें से सर्वश्रेष्ठ शोध-पत्र को “डॉ. अशोक निर्मला भथीजा पुरस्कार” से सम्मानित किया गया।
राष्ट्रीय सेवा भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सुधीर जी ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा, “न्यूरोथेरेपी न केवल बिना दर्द के इलाज प्रदान करती है, बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देती है। यह पद्धति लाइलाज बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए आशा की किरण है।”
न्यूरोथेरेपी: दवा के बिना प्रभावी उपचार
इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञ रामगोपाल परिहार ने बताया, “न्यूरोथेरेपी के माध्यम से बिना दवाओं के शरीर के ब्लड सर्कुलेशन को नियंत्रित कर बीमारियों का इलाज किया जाता है। शरीर के 85 पॉइंट्स पर दबाव देकर ब्लड फ्लो को तेज किया जाता है, जिससे अंग और ग्रंथियां स्वस्थ होती हैं।”
इस अवसर पर डॉ. कृष्ण द्विवेदी (एस व्यास यूनिवर्सिटी) ने न्यूरोथेरेपी की प्रशंसा करते हुए इसे प्रभावी और किफायती चिकित्सा पद्धति बताया। उन्होंने कहा, “इस क्षेत्र में और अधिक शोध एवं प्रचार-प्रसार से यह दुनिया को स्वास्थ्य का नया समाधान दे सकती है।”
कार्यक्रम में राष्ट्रीय सेवा भारती, गांधीनगर विश्वविद्यालय, माधव यूनिवर्सिटी और अन्य प्रमुख संस्थानों के विशेषज्ञों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
कार्यक्रम ने यह संकल्प लिया कि वैदिक चिकित्सा और न्यूरोथेरेपी को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।