उत्तराखंडगढ़वाल मण्डलहरिद्वार

वन नेशन वन इलेक्शन पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पुरी का समर्थन

वन नेशन वन इलेक्शन देश की मांग - श्री महंत रविंद्र पुरी*

वन नेशन वन इलेक्शन पर कोविंद समिति की रिपोर्ट को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार 18 सितंबर को मंजूरी दे दी है , अब शीतकालीन सत्र में यह बिल पेश किया जाएगा, मोदी और अमित शाह ने पहले ही इसे लागू करने को लेकर अपना अपना बयान दे चुके हैं, इसके साथ ही साथ देश भर से इसे समर्थन मिलना शुरू हो चुका है अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पुरी ने वन नेशन वन इलेक्शन पर अपनी सहमति देते हुए कहा ,वन नेशन वन इलेक्शन से बार-बार चुनाव मे होने वाला खर्च कम होगा। इससे देश के राजकोष मे बड़ी बचत होगी।चूंकि इलेक्शन के समय चुनाव क्षेत्र में आचार संहिता लागू हो जाती है जिससे क्षेत्र मे हो रहे विकास कार्यों को चुनाव परिणाम आने तक रोक दिया जाता है। ऐसे मे एक चुनाव के होने से विकास कार्यों मे रुकावट नहीं होगी और तेजी से काम होगा। इसके साथ ही साथ केन्‍द्रीय एजेंसी और चुनाव आयोग की कई रिपोर्ट में बताया गया है कि चुनाव के दौरान कालेधन का भरपूर उपयोग किया जाता है एक चुनाव होने से इस समस्या से छुटकारा मिलेगा।चूंकि चुनाव को सफलतापूर्वक करवाना के लिए शिक्षक, स्कूल कॉलेज के साथ अन्य सरकारी कर्मचारियों की मदद ली जाती है जिससे उनका काम प्रभावित होता है। वन नेशन वन इलेक्शन लागू होने के बाद सरकारी कर्मचारियों का काम प्रभावित नहीं होगा। उन्होंने कहा हालांकि भारत देश आबादी के लिहाज से सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है, ऐसे में सभी चुनाव एक समय पर करवाने के लिए वर्तमान के मुकाबले ज्यादा वोटिंग मशीन की जरूरत पड़ेगी। लेकिन यह इतनी बड़ी चुनौती नहीं है। आपको बता दे वन नेशन वन इलेक्शन की कवायद करने वाला भारत पहला देश नहीं है। दुनिया मे कई देश ऐसे हैं जो वन नेशन वन इलेक्शन पर भरोसा करते हैं। इसमें दक्ष‍िण अफ्रीका, स्वीडन, बेल्जियम, इंगलैंड, इंडोनेशिया, जर्मनी, फिलिपींस, ब्राजील, बोलिविया, कोलंबिया, ग्वाटेमाला जैसे देश शामिल है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button