हरिद्वार, 31 जुलाई। जिला जेल में आयोजित श्री शिव महापुराण कथा का श्रवण कराते हुए कथाव्यास सूर्यकांत बलूनी ने कहा कि कथा के श्रवण मात्र से ही मनुष्य के दूख दर्द दूर हो जाते हैं। मन, बुद्धि पर नियंत्रण रहता है। उन्होंने कहा कि श्री शिव महापुराण कथा का श्रवण अवश्य ही कैदियों के जीवन में बदलाव लाएगा। उन्होंने कहा कि परिवारों में सुख समृद्धि चाहते हैं तो कथा का श्रवण अवश्य करें। प्रत्येक प्राणी को कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए। शरीर के शुद्धिकरण के लिए कथा का श्रवण जरूरी है। जेल अधीक्षक मनोज आर्य ने कहा कि श्री शिव महापुराण कथा के सुनने से जेल में बंद कैदियों की जीवन पद्धति में बदलाव आएगा। अपराध मुक्त समाज की परिकल्पना सभी चाहते हैं। लेकिन अपराध पर नियंत्रण लगाने के लिए सभी को जागरूक रहने की आवश्यकता है। अपराध व्यक्ति का भला नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि सत्य के मार्ग पर चलकर जीवन को नए आयाम दें। श्री अखंड परशुराम अखाड़ के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि श्री शिव महापुराण कथा का श्रवण जेल में बंद कैदी उल्लास उत्साह से कर रहे हैं। जीवन को प्रकाश की और लाना है तो कथा सुननी चाहिए। उन्होंने कहा कि जेल अधीक्षक मनोज आर्य का यह प्रयास निश्चित रूप से कैदियों के जीवन स्तर में सुधार लाएगा। जेल में बंद कैदी अपने विवेक बुद्धि से निश्चित तौर से सामाजिक जीवन अपनाएंगे। इस अवसर पर जलज कौशिक, सत्यम शर्मा, अश्मित कौशिक, विष्णु गॉड, मनोज अग्रवाल, रोहन शर्मा, उदित, रोहित, ऋषभ, मोहित, हिमांशु छलिया, रोहित बहुगुणा, सूरज, आचार्य अनिल तिवारी आदि मौजूद रहे।
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