श्री अखंड परशुराम अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक के संयोजन श्री चिरंजीवी भगवान परशुराम के जन्मोत्सव एवं अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर 51 ब्राह्मणों द्वारा गायत्री मंत्रों एवं 8 चिरंजीवी की पूजा मालवीय घाट ऋषिकुल पर आयोजित की गयी। इस दौरान पंडित अधीर कौशिक, भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री, जलज कौशिक ने मां गंगा की पूजा अर्चना, हवन यज्ञ कर श्री परशुराम भगवान का जन्मोत्सव मनाया। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती ने बताया कि जब पृथ्वी पर अधर्म बढ़ता जा रहा था तब भगवान परशुराम ने अवतरित होकर शास्त्र और शस्त्रों के साथ धर्म की रक्षा करने का काम किया। इसलिए आज भी भगवान परशुराम की जयंती पर शस्त्र और शास्त्र दोनों की पूजा की जाती है। श्री अखंड परशुराम अखाड़े के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि भगवान परशुराम चिरंजीवी हैं। जो भगवान परशुराम का पूजन करता है। उसकी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। भगवान परशुराम साक्षात भगवान नारायण के ही अवतार हैं। भगवान परशुराम ने किसी भी क्षत्रिय का संघार नहीं किया। बल्कि उनका संघार किया जिन्होंने सनातन धर्म को समाप्त करने का प्रयास किया और जो संत ब्रह्म भक्तों पर अत्याचार करते थे। भगवान का अवतार ही सनातन की रक्षा के लिए होता है। हम सभी को जाति धर्म में ना बंट कर एक होकर आगे बढ़ाने की प्रेरणा भगवान परशुराम से मिलती है। अखाड़े के राष्ट्रीय प्रवक्ता भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने कहा कि भगवान परशुराम का जन्म अक्षय तृतीया के दिन हुआ था। अक्षय तृतीया के दिन जो भी दान पुण्य एवं गंगा स्नान करता है। उसके पुण्य कभी भी समाप्त नहीं होते हैं। भगवान परशुराम के जन्मोत्सव एवं अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर परशुराम अखाड़ा द्वारा मां गंगा का पूजन कर सभी के घरों में सुख समृद्धि आयु आरोग्य वृद्धि की कामना की गई। इस अवसर पर श्री अखंड परशुराम अखाड़ा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक द्वारा परशुराम चौक पर कढ़ी चावल का प्रसाद भी वितरित किया गया।
इस अवसर पर ऋषि शर्मा, जोगेंद्र तनेजा, प्रशांत शर्मा, कुलदीप शर्मा, पंडित विष्णु प्रसाद, वाशु, अर्णव शर्मा, विष्णु गौड, अश्मित कौशिक, पंडित खलेंद्र शास्त्री, आचार्य गिरीश मिश्रा, पंडित महादेव भट्ट, सार्थक पाल, राजीव बिष्ट, हर्षवर्धन शर्मा, अतुल पाराशर, विभोर राणा, निशांत राणा, राकेश सेमवाल, पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान लोकसभा प्रत्याशी त्रिवेंद्र रावत के भाई वीरेंद्र रावत, महामंडलेश्वर रामेश्वरानंद सरस्वती महाराज, सुनील प्रजापति, विनोद मिश्रा, संजय शर्मा, सुमित चावला, जतिन प्रधान, डा.आरडी शर्मा एवं श्री अखंड परशुराम अखाड़ा के अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।