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श्री हनुमान जन्मोत्सव: भक्ति और शक्ति का अनुपम संगम  

*दिनांक: 10 अप्रैल 2025*

चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को प्रतिवर्ष श्री हनुमान जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। इस वर्ष पंचांग के अनुसार, हनुमान जयंती 12 अप्रैल 2025 को मनाई जाएगी। सनातन संस्था द्वारा प्रकाशित लेख के अनुसार, बजरंगबली को बल, बुद्धि, भक्ति और निडरता का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी जल्द प्रसन्न होने वाले देवता हैं, जिनकी कृपा से जीवन की बाधाएं शीघ्र दूर होती हैं।

 

हनुमान जी को वायुपुत्र, वानर समूह के अधिपति और श्रीराम के परम भक्त के रूप में जाना जाता है। शास्त्रों में उनकी उत्पत्ति की कथा रोचक है। वाल्मीकि रामायण के किष्किंधा कांड में वर्णित है कि माता अंजनी को राजा दशरथ के पुत्रकामेष्टी यज्ञ से प्राप्त पायस के प्रभाव से हनुमान जी का जन्म हुआ। जन्म लेते ही उन्होंने उगते सूर्य को फल समझकर उसकी ओर उड़ान भरी, जिसके कारण इंद्र ने उन पर वज्र प्रहार किया और उनकी ठोड़ी चिर गई। इसी से उन्हें ‘हनुमान’ नाम मिला।

 

हनुमान जी के गुण अतुलनीय हैं। वे सर्वशक्तिमान हैं, जिन्हें कोई अनिष्ट शक्ति कष्ट नहीं पहुंचा सकती। उनकी राम भक्ति दास्य भक्ति का सर्वोत्तम उदाहरण है। वे बुद्धिमान, व्याकरण और मानस शास्त्र में निपुण, संगीत शास्त्र के प्रवर्तक और चिरंजीवी भी माने जाते हैं। लंका दहन और रावण के दरबार में उनके प्रभावशाली भाषण से उनकी चतुराई और अभिव्यक्ति कला का परिचय मिलता है।

 

सनातन संस्था की श्रीमती बबिता गांगुली ने बताया कि हनुमान जयंती के अवसर पर भक्त उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। पंचमुखी हनुमान और दास-वीर मारुति के रूपों में उनकी मूर्तियां विशेष रूप से पूजी जाती हैं। शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव को कम करने के लिए भी हनुमान पूजा का विशेष महत्व है।

 

*संपर्क:* सनातन संस्था, श्रीमती बबिता गांगुली – 9830227666

*संदर्भ:* सनातन संस्था का प्रकाशन ‘श्री हनुमान’

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