हरिद्वार। तीर्थनगरी हरिद्वार के श्री अवधूत मंडल आश्रम स्थित बाबा हीरादास हनुमान मंदिर में हजारों वर्ष पुरानी बालरूपी हनुमान की प्रतिमा भक्तों के लिए आस्था का केंद्र बनी हुई है। इस प्रतिमा को अयोध्या के छोटी छावनी से आचार्य सरयूदास महाराज ने लाकर आश्रम के संस्थापक पीठाधीश्वर महंत हीरादास को भेंट किया था। महंत हीरादास ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ इसकी विधिवत स्थापना कराई।
आश्रम के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी संतोषानंद देव महाराज ने बताया कि 1830 में स्थापित श्री अवधूत मंडल आश्रम का इतिहास 195 वर्ष पुराना है, लेकिन बालरूपी हनुमान प्रतिमा की प्राचीनता का ठोस प्रमाण नहीं मिल सका है। पुरातत्व विभाग के वैज्ञानिकों ने इसकी जांच की, पर कोई निश्चित निष्कर्ष नहीं निकला। फिर भी, माना जाता है कि यह प्रतिमा हजारों वर्ष पुरानी है।
डॉ. स्वामी संतोषानंद ने कहा, “पिछले 32 वर्षों से हनुमान जी के चमत्कार देख रहा हूँ। दर्शन करने वाले हर भक्त की मनोकामना पूर्ण होती है। कोई भी निराश नहीं लौटता।” हर मंगलवार और शनिवार को मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। उन्होंने बताया कि आगामी शनिवार, 12 अप्रैल को हनुमान जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। इस अवसर पर भक्तों से आश्रम में दर्शन, प्रसाद ग्रहण और पुण्य कार्य में सहयोग करने की अपील की गई।
हरिद्वारवासियों के लिए यह सौभाग्य का विषय है कि उन्हें इस चमत्कारी प्रतिमा के दर्शन का अवसर प्राप्त हो रहा है।