हरिद्वार। लोक आस्था के महापर्व छठ का मंगलवार को श्रद्धा और भक्ति के वातावरण में समापन हो गया। उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर छठ व्रतियों ने अपने 36 घंटे के निर्जला उपवास का पारण किया। धर्मनगरी हरिद्वार के घाटों पर सुबह तड़के से ही श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा।
सुबह सूर्योदय से पहले ही महिलाएं और पुरुष परिवार सहित गंगा घाटों पर पहुंच गए। व्रती महिलाओं ने घंटों जल में खड़े होकर भगवान सूर्य नारायण के उदय की प्रतीक्षा की। जैसे ही सूर्य की पहली किरण निकली, व्रतियों ने ‘ऊषा अर्घ्य’ देकर अपने परिवार की सुख-समृद्धि, संतान की दीर्घायु और जीवन में ऊर्जा की कामना की। इसी के साथ चार दिवसीय महापर्व का विधिवत समापन हुआ।
गौरतलब है कि यह पर्व 25 अक्टूबर को ‘नहाय-खाय’ से आरंभ हुआ था और 28 अक्टूबर को ‘ऊषा अर्घ्य’ के साथ संपन्न हुआ। पारंपरिक विधि से व्रतियों ने कच्चे दूध का शरबत, ठेकुआ, गुड़-चावल की खीर और तुलसी जल ग्रहण कर व्रत का पारण किया। परंपरा के अनुसार सबसे पहले तुलसी के पत्ते से जल ग्रहण करने के बाद छठी मईया को प्रणाम किया गया।
वरिष्ठ समाजसेवी रंजीता झा ने बताया कि 36 घंटे के निर्जला उपवास के बाद व्रती के लिए पारण का क्षण भक्ति और संतोष से भरा होता है। उन्होंने कहा कि छठी मईया के आशीर्वाद से ही परिवार में सुख और समृद्धि बनी रहती है।
इस अवसर पर शहर के विभिन्न घाटों—हर की पैड़ी, मायापुर, हरिपुर कलां, और भीमगोड़ा—पर भक्तों की भारी भीड़ रही। छठ गीतों की मधुर गूंज से पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा।
पूर्वांचल उत्थान संस्था, पूर्वांचल महासभा, पूर्वांचल उत्थान सेवा समिति, पूर्वांचल भोजपुरी महासभा, छठ पूजा समिति हरिपुर कलां, बिहारी महासभा और पूर्वांचल जनजागृति संस्था के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।
इस मौके पर सांसद त्रिवेन्द्र सिंह रावत, नगर विधायक मदन कौशिक, रानीपुर विधायक आदेश चौहान, और ज्वालापुर विधायक इं. रवि बहादुर सहित अनेक जनप्रतिनिधियों ने भी पूजा-अर्चना कर सूर्य देव से प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की।




