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मसूरी में बनी पहली स्थानीय मांगल गीत टीम, पहाड़ की संस्कृति को जीवित रखने का प्रयास

मसूरी। पहाड़ की समृद्ध संस्कृति और पारंपरिक वाद्य यंत्रों को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक सराहनीय पहल करते हुए मसूरी में पहली बार स्थानीय महिलाओं की मांगल गीत टीम का गठन किया गया है। मंगलवार को आयोजित एक प्रेस वार्ता में लोक गायिका मीना आर्य ने इसकी जानकारी दी।

 

मीना आर्य ने बताया कि अब तक मसूरी में शादी, मुंडन, जन्मदिन जैसे शुभ अवसरों पर मांगल गीत गाने के लिए बाहर से कलाकारों को बुलाना पड़ता था, लेकिन अब स्थानीय महिलाओं की टीम यह जिम्मेदारी निभाएगी। उन्होंने कहा कि यह पहल न केवल मांगल गायन परंपरा को जीवित रखेगी, बल्कि स्थानीय महिलाओं को स्वरोजगार का अवसर भी प्रदान करेगी।

 

लोक गायिका मीना आर्य ने बताया कि आने वाले समय में इस टीम में ढोल, दमाऊ और मस्कबीन जैसे पारंपरिक वाद्य यंत्रों को भी शामिल किया जाएगा, ताकि कार्यक्रमों में पहाड़ी संगीत की असली झलक दिखाई दे।

 

उन्होंने कहा कि आधुनिकता की दौड़ में लोग अपनी जड़ों और संस्कृति को भूलते जा रहे हैं। ऐसे में यह प्रयास आने वाली पीढ़ी को अपनी परंपरा और लोकसंस्कृति से जोड़ने का माध्यम बनेगा।

 

मसूरी की यह पहल पहाड़ी मांगल गीतों को नई पहचान दिलाने और स्थानीय संस्कृति को संजोने की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम मानी जा रही है।

 

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