देहरादून, 11 अक्तूबर। उत्तराखंड में धार्मिक, आध्यात्मिक और साहसिक पर्यटन के समन्वित प्रचार-प्रसार एवं ठोस नीतियों के चलते पिछले तीन वर्षों (2022-23 से 2024-25) में राज्य में 23.46 करोड़ (234.6 मिलियन) पर्यटकों का आगमन हुआ है, जिससे राज्य की आर्थिक गतिविधि और सामाजिक विकास दोनों को मजबूती मिली है।
उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा को सुचारू रूप देना, होम-स्टे योजनाओं को बढ़ावा देना, पर्वतीय व रोमांचक पर्यटन स्थलों का कायाकल्प करना जैसे कदम उठाए, जिनका स्पष्ट परिणाम अब सामने आ रहा है।
मुख्य बिंदु :
इस अवधि में पर्यटन की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई — राज्य सरकार की नीतियों ने पर्यटन को “बारहमासी” स्वरूप दिया।
इससे स्थानीय लोगों की आय में इजाफा हुआ और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हुए।
पर्यटन राजस्व में वृद्धि से सरकार की वित्तीय स्थिति को भी मजबूती मिली।
भाजपा सरकार के पहले कार्यकाल (2017-18 से 2021-22) में कोविड की चुनौतियों के बावजूद पर्यटन संख्या 15 करोड़ के करीब पहुंची थी, लेकिन वर्तमान अवधि में वृद्धि की रफ्तार दोगुनी गिनी जा रही है।
आगे की चुनौतियाँ और अवसर
विशेषज्ञों का मानना है कि इस विकास को सतत बनाए रखने के लिए बेहतर बुनियादी ढांचा, स्वच्छता एवं अवसंरचनात्मक सुधार आवश्यक होंगे। पर्यटन स्थलों की बेहतर पहुंच, टिकाऊ विकास, पर्यटन उत्पादों का विविधीकरण — ये सब कदम इस वृद्धि को दायरे में और बढ़ा सकते हैं