नई दिल्ली, 6 अक्टूबर 2025 — जोहो द्वारा विकसित “अरट्टाई (Arattai)” मैसेजिंग ऐप ने अपनी शुरुआत के सिर्फ तीन दिनों में 3.5 लाख डाउनलोड की संख्या पार कर ली है। यह तेजी से बढ़ती ग्रोथ डिजिटल इंडिया के उन प्रयासों को पुष्ट करती है, जिनका लक्ष्य देश में स्वदेशी तकनीकी स्वावलंबन को बढ़ावा देना।
उद्भव और महत्व
अरट्टाई को खासतौर पर “वॉट्सऐप का भारतीय विकल्प” बताकर पेश किया गया है। इसने अपेक्षाकृत कम समय में ही बड़ी संख्या में उपयोगकर्ताओं का ध्यान खींचा है।
सरकार के कई मंत्री और टेक्नोलॉजी विद्वान इसे एक सकारात्मक कदम के रूप में देख रहे हैं, जो यह संकेत देता है कि भारत में स्थानीय ऐप्स को अपनाने की प्रवृत्ति बढ़ रही है।
तकनीकी बातें व चुनौतियाँ
विशेषज्ञों के अनुसार अरट्टाई की सफलता सिर्फ डाउनलोड पर निर्भर नहीं होगी। उन्हें एन्क्रिप्शन, डेटा सुरक्षा, इंटरऑपरेबिलिटी (अन्य प्रणालियों के साथ काम करने की क्षमता), यूज़र अनुभव, और निरंतर फीचर्स अद्यतन पर काम करना होगा।
कुछ विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि केवल “मेड इन इंडिया” टैग ही पर्याप्त नहीं होगा — इसे एक भरोसेमंद व उपयोगी प्लेटफार्म बनाना होगा, नहीं तो उपयोगकर्ता वापस वॉट्सऐप या दूसरे स्थापित ऐप्स की ओर लौट सकते हैं।
आगे की संभावना
अगर जोहो कंपनी अपनी उद्यम (enterprise) नेटवर्क और पहले से जुड़े व्यापारियों को अरट्टाई से जोड़ पाए, तो यह नए उपयोगकर्ता लाभ प्राप्त कर सकती है।
लेकिन यह देखना होगा कि यह शुरुआती उत्साह किस तरह स्थिर उपयोग में बदल पाता है और क्या इसे दीर्घकालीन सफलता मिलती है।