वन विभाग में हलचल मच गई है क्योंकि एक सप्ताह में तीसरी बार हाथी की मौत का मामला सामने आया है। मृत हाथी को लालढांग क्षेत्र के पीली पड़ाव पंचायती वन क्षेत्र में पाया गया।
पहली घटना 26 सितंबर को बंदरजूड़, खानपुर रेंज में, दूसरी 30 सितंबर को बुग्गावाला-रोशनाबाद मार्ग के पास दर्ज की गई थी। प्रथम दृष्टया जांच में यह पता चला है कि कुछ मामलों में किसानों द्वारा फसल बचाने के लिए खेतों में छोड़े गए करंट तार मौत की वजह हो सकते हैं।
इस ताजा घटना में, हाथी की उम्र लगभग तीस वर्ष बताई गई है और यह मखना हाथी था। हाथी का पेट फूला हुआ पाया गया, जिससे यह आशंका जताई जा रही है कि पेट की बीमारी भी मौत का कारण हो सकती है। शव का पोस्टमॉर्टम (PM) करने के बाद उसे दफनाया गया।
वन विभाग ने इस मामले में दो लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है, लेकिन उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया है। विभाग की जांच जारी है, और यदि सबूत मिले तो दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
विभागीय अधिकारियों ने ऊर्जा निगम को निर्देश दिए हैं कि मृत हाथी पाए गए इलाकों से करंट तार तुरंत हटाए जाएँ, और किसानों को चेतावनी दी गई है कि खेतों में बिजली के तार न छोड़े जाएँ। साथ ही वन कर्मियों की गश्त 24 घंटे सक्रिय करने के आदेश दिए गए हैं ताकि आगे ऐसी घटनाएँ रोकी जा सकें।