देहरादून, 2 अक्टूबर 2025 — उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) ने स्पष्ट किया है कि हाल ही में सामने आए पेपर लीक विवाद के बीच भी आगामी भर्ती परीक्षाएँ निर्धारित समय पर ही आयोजित की जाएँगी।
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क्या कहा गया: आयोग की प्रतिक्रिया
आयोग अध्यक्ष गणेश सिंह मार्तोलिया ने बताया कि जून 2026 तक 5,000 से 5,500 पदों के लिए भर्ती परीक्षाएँ समय पर होंगी।
अगले कुछ आयोजनों की तिथियाँ पहले ही घोषित हैं — 5 अक्टूबर, 12 अक्टूबर और 28 अक्टूबर को फॉरेस्टर फिजिकल परीक्षण।
मार्तोलिया ने कहा कि सुरक्षा इंतजाम पहले से और कड़े किए जाएंगे — बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन, फिजिकल चेकिंग, मोबाइल जैमर व परीक्षा केंद्रों की सैनिटाइजेशन जैसी व्यवस्थाएँ होंगी।
उन्होंने यह भी बताया कि कुल 10,000–12,000 पदों में से 4,500–5,000 पदों की परीक्षाएं पहले ही संपन्न हो चुकी हैं; फाइनल परिणाम दस्तावेज सत्यापन व अन्य प्रक्रियाओं के बाद जारी होंगे।
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⚠️ विवाद का मूल: पेपर लीक आरोप
21 सितंबर को हरिद्वार के एक परीक्षा केंद्र से स्नातक-स्तर की परीक्षा में तीन पृष्ठों के प्रश्नपत्र कथित रूप से सोशल मीडिया पर लीक होने की सूचना आई।
आरोप है कि मुख्य आरोपी खालिद मलिक ने परीक्षा केंद्र में पहले से मोबाइल फोन छिपाया और वहां से पन्नों की फोटो खींचकर अपनी बहन को भेजी।
आयोग ने इस घटना को एक “आंशिक लीक” करार दिया है और जोर दिया है कि पूरे पेपर की असल परीक्षा प्रक्रिया पर असर नहीं पड़ा।
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✅ पत्रकारिता हेतु सुझाव
शीर्षक विचार
“UKSSSC: पेपर लीक विवाद के बीच भी परीक्षाएँ समय पर ही होंगी”
“भर्ती परिषदी का दृढ़ रुख — लीक के बाद भी नहीं होगी देरी”
लीड पैराग्राफ
> उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने कहा है कि पेपर लीक के आरोपों के बावजूद, आगामी भर्ती परीक्षाएँ निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही आयोजित की जाएँगी। आयोग ने सुरक्षा प्रबन्धों को और कड़ा करने का आश्वासन भी दिया है।
मुख्य अंश (बॉडी)
1. अभियोग्यता और तिथियाँ — अगले कुछ भर्ती परीक्षाओं की तिथियाँ और लक्षित पद संख्या।
2. सुरक्षा प्रबंधों का ब्यौरा — बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन, frisking, मोबाइल जैमर, परीक्षा केंद्र की सैनिटाइजेशन आदि।
3. लीक आरोप की पृष्ठभूमि — कैसे आरोप सामने आए, और मुख्य आरोपी का कथित बयान।
4. आयोग की दलील व सफाई — “आंशिक लीक” की व्याख्या और परीक्षा प्रणाली पर भरोसा।
5. उम्मीदवारों की प्रतिक्रिया — यदि संभव हो, तो छात्रों की चिन्ता या नाराजगी।
6. आगे की प्रक्रिया — जांच, सुधार और परिणाम जारी करने की रूपरेखा।
समापन (क्लोजर)
> यह घटनाक्रम प्रतियोगी उम्मीदवारों के लिए तनाव भरा है, लेकिन आयोग की यह कोशिश कि प्रक्रिया सुचारू रूप से चले, यह उसकी जिम्मेदारी के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। अंततः, निष्पक्षता और पारदर्शिता ही परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता की रीढ़ हैं।