उत्तर प्रदेशउत्तराखंडगढ़वाल मण्डलदिल्ली एनसीआरदेश-विदेशयूथरुड़कीशिक्षासामाजिकहरिद्वार

देहरादून में दशहरा धमाका — रावण दहन से पहले बारिश ने मोड़ा रुटीन, CM धामी पहुंचे परेड ग्राउंड

देहरादून, 2 अक्टूबर 2025 — उत्तराखंड में आज दशहरा महोत्सव के मुख्य कार्यक्रम में परेड ग्राउंड को सजाया गया, जहां 121 फीट ऊँचा रावण पुतला दहन कार्यक्रम आयोजित किया गया। लेकिन त्योहार का जोश बारिश की बूंदों से भीगे कुछ पलों में बदला। हल्की वर्षा के बावजूद, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और राज्यपाल ले. ज. गुरमीत सिंह कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे और आयोजन की गरिमा बनाए रखी।

 

 

 

मुख्य बिंदु

 

विषय विवरण

 

प्रमुख आकर्षण 121 फीट ऊँचा रावण पुतला, उसके साथ ही कुम्भकर्ण व मेघनाद की प्रतिमाएं, रोशनी-आगोज कार्यक्रम, भव्य आतिशबाज़ी और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ

बारिश का असर रावण दहन से ठीक पहले हल्की बारिश हुई, जिससे मौसम ने अचानक करवट ली।

केन्द्रीय उपस्थिति मुख्यमंत्री धामी और राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कार्यक्रम स्थल पर पहुँचकर दशहरा उत्सव की गरिमा बढ़ाई।

साँस्कृतिक आयोजन रौनक बढ़ाने के लिए पारंपरिक गीत, लोक नृत्य, झांकियाँ और भजन-कीर्तन की प्रस्तुतियाँ हुईं।

 

 

 

 

✍️ समाचार लेख हेतु सुझाव

 

शीर्षक सुझाव

 

“बारिश की बाधा के बीच भी चमका दशहरा: रावण दहन और CM धामी की उपस्थिति”

 

“बारिश ने ली सौगात, परेड ग्राउंड में दहन जगमगाया — देहरादून दशहरा 2025”

 

 

लीड पैराग्राफ (प्रारंभ)

 

> आज देहरादून के परेड मैदान पर 121 फीट ऊँचा रावण पुतला दहन करने की रस्म के दौरान हल्की वर्षा ने वातावरण को तरोताजा कर दिया। लेकिन त्योहार की धूम कम न हुई — मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और राज्यपाल गुरमीत सिंह भी कार्यक्रम स्थल पहुँचे और शानदार आयोजन को पूर्णता दी।

 

 

 

मुख्य भाग (बॉडी)

 

1. दर्शन और दहन — रावण, कुम्भकर्ण व मेघनाद का भव्य दहन, रोशनी और आतिशबाज़ी के बीच राम–रावण युद्ध की पुनरावृत्ति।

 

 

2. मौसम का खेल — सुरक्षित समय पर पूरी तैयारी के बावजूद बादलों ने छेड़छाड़ की, लेकिन आयोजक और दर्शक एकजुट रहे।

 

 

3. राजनीतिक और प्रशासनिक भागीदारी — मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल की उपस्थिति ने कार्यक्रम को और महत्वपूर्ण बना दिया।

 

 

4. सांस्कृतिक रंग — लोक संगीत, नृत्य, झांकियाँ व भक्ति-गीतों ने भावना को बढ़ाया।

 

 

5. सुरक्षा व आयोजन व्यवस्थाएँ — बारिश की संभावित बाधा को देखते हुए अतिरिक्त इंतजाम और जल्द से जल्द निर्णय लेने की रणनीति अपनाई गई।

 

 

6. सांकेतिक अर्थ — रावण दहन में भय, अधर्म व अन्याय पर विजय का प्रतीक है; वर्षा ने उस प्रतीक को और जीवंत कर दिया।

 

 

 

समापन (क्लोजर)

 

> आज देहरादून में दशहरा महोत्सव ने अपने सभी रंग बिखेरे। बारिश ने यात्रा थोड़ी बदल दी, पर संकल्प को नहीं डिगाया। रावण दहन ने यह संदेश दिया कि चाहे कितनी भी बाधाएँ आएँ, सत्य और धर्म की जीत अविचल है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button