हरिद्वार, 2 अक्टूबर 2025 — कनखल थाना क्षेत्र में एक युवक को पार्क में बुलाकर गोली मारकर हत्या किए जाने मामले का पुलिस ने आज खुलासा कर दिया। इस कातर घटना में तीन आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं।
घटना की रूपरेखा
घटना लगभग तीन दिन पहले की है। रात करीब पौने आठ बजे, सुमित चौधरी उर्फ “पंछी” (18), निवासी दयाल एंक्लेव, जमालपुर कलां (थाना कनखल) को पार्क में बुलाया गया। आरोप है कि उसी जगह उन पर गोली चलाई गई।
घटना के बाद सुमित को स्थानिय साथी तुरंत भूमनंद अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने आरोपियों की खोज शुरू की। इस खोज के दौरान तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। उनके पास से हत्या में प्रयुक्त रिवाल्वर, चार जिंदा कारतूस और एक बिना नंबर की मोटरसाइकिल बरामद की गई।
️♂️ इस जघन्य कृत्य के पीछे कारण
पुलिस प्रवक्ता के अनुसार, यह हत्या पुराने विवाद और रंजिश की परिणति थी। आरोपियों ने पूर्व संबंधों और दलाली में पली बढ़ी मनमुटाव को ही इस कृत्य की जड़ बताया है।
गिरफ्तारी के बाद तीनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेजा गया।
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पत्रकारिता हेतु सुझाव
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1. शीर्षक सुझाव
“पुरानी रंजिश बना जानलेवा हथियार: सुमित की पार्क में हत्या, तीन गिरफ्तार”
“हरिद्वार में विवाद ने लिया जान का रूप: सुमित हत्याकांड का खुलासा”
2. लीड पैराग्राफ (प्रारंभ)
> हरिद्वार के कनखल क्षेत्र में तीन दिन पहले एक युवक को पार्क में बुलाकर गोली मार दी गई थी। आज पुलिस ने इस हत्याकांड का खुलासा करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से पिस्टल, जिंदा कारतूस और बिना नंबर वाली मोटरसाइकिल बरामद हुई है।
3. मुख्य बिंदु (बॉडी में)
पीड़ित की पहचान: सुमित चौधरी उर्फ “पंछी”, उम्र 18 वर्ष, दयाल एंक्लेव का निवासी।
हत्या का तरीका: पार्क में बुलाकर की गई गोलीबारी।
ब्रेकथ्रू कैसे हुआ: सतर्कता व त्वरित कार्रवाई से पुलिस ने आरोपियों को पकड़ कर सबूत जुटाए।
मुकदमे की स्थिति: आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेजा गया।
सामाजिक परिप्रेक्ष्य: किस तरह छोटे विवाद बढ़कर हिंसा में बदल जाते हैं — समाज में निहित विसंगतियों पर प्रकाश।
4. परोक्ष सवाल / पृष्ठभूमि
आरोपियों और पीड़ित के बीच पुराना विवाद क्या था?
क्या उस इलाके में पहले भी ऐसी घटनाएँ हुई हैं?
पुलिस की जल्द खुलासे की रणनीति क्या रही?
स्थानीय सुरक्षा प्रणाली (पार्क/सड़कों में प्रकाश व्यवस्था, CCTV आदि) कितनी सक्षम थी?
5. समापन (क्लोजर)
> यह हत्याकांड हमें एक बार फिर यह सिखाती है कि छोटी नज़र आने वाली रंजिशें भी बड़े अपराध का आधार बन सकती हैं। जिस प्रोएक्टिव पुलिस कार्रवाई से यह मामला हल हुआ है, उसे बाकी अपराध नियंत्रण अभियानों के लिए भी उदाहरण माना जाना चाहिए।