उत्तराखण्ड स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के सरकारी और निजी अस्पतालों में आईसीयू (गहन चिकित्सा इकाई) की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार करने का निर्णय लिया है। इस कदम का उद्देश्य उपकरणों की नियमित देखभाल, आपूर्ति श्रृंखला में जवाबदेही और सेवाओं की एकरूपता सुनिश्चित करना है।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित विशेषज्ञ चिकित्सकों की बैठक में यह तय किया गया कि आईसीयू स्टाफ को बेसिक और एडवांस्ड लाइफ सपोर्ट प्रशिक्षित किया जाएगा और जूनियर रेजिडेंट्स, नर्सों तथा अन्य संबंधित कर्मचारियों के लिए त्रैमासिक सिमुलेशन-आधारित प्रशिक्षण अनिवार्य किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, बैठक में यह सुझाव दिया गया कि सभी अस्पतालों में 10 प्रतिशत बेड को पल्लियेटिव केयर और जेरियेट्रिक केयर के लिए आरक्षित किया जाए, जिले स्तर पर आईसीयू सेवा की निगरानी के लिए एक टीम गठित की जाए तथा हर तीन महीने में ऑडिट किया जाए।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी यह कहते हैं कि इस SOP से न केवल आईसीयू संचालन में सुधार होगा, बल्कि मरीजों को अधिक भरोसेमंद एवं सुरक्षित चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराना संभव हो पाएगा।