नई दिल्ली, 28 सितंबर 2025 — रसोई गैस उपभोक्ताओं को अपनी मौजूदा एलपीजी कनेक्शन बनाए रखते हुए आपूर्तिकर्ता बदलने की सुविधा जल्द ही मिलने वाली है। यानी अब आप अपने गैस कंपनी से नाखुश हों, तो सिलेंडर कनेक्शन बदले बिना किसी दूसरी कंपनी से गैस लेने लग सकते हैं।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (PNGRB) ने इस “एलपीजी इंटरऑपरेबिलिटी / पोर्टेबिलिटी” प्रस्ताव पर उपभोक्ताओं और हितधारकों से सुझाव मांगे हैं। सुझाव देने की अंतिम तिथि अक्तूबर मध्य तक है।
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पृष्ठभूमि और वर्तमान व्यवस्था
भारत में लगभग 32 करोड़ घरों तक एलपीजी कनेक्शन पहुँच चुके हैं। वर्तमान में सालाना लगभग 17 लाख उपभोक्ताओं रिफिल या गैस आपूर्ति में देर होने जैसी शिकायतें करते हैं।
अब तक, उपभोक्ताओं को केवल डीलर बदलने की सुविधा थी — लेकिन कंपनी बदलने की अनुमति नहीं थी। उदाहरणस्वरूप, अगर आप इंडेन गैस उपयोगकर्ता हैं, तो आप केवल इंडेन के अलग डीलरों से ही गैस ले सकते थे, लेकिन आप इंडियन ऑयल की इंडेन से भारत पेट्रोलियम की भारत गैस ऐसी कंपनी नहीं बदल सकते थे।
प्रस्ताव है कि इस बाधा को हटाया जाए, ताकि उपभोक्ताओं के पास विकल्प बढ़ें और कंपनियों पर बेहतर सेवा देने का दबाव बने।
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हितधारकों की भूमिका और अपेक्षाएँ
PNGRB ने सभी हितधारकों — उपभोक्ता संगठनों, गैस वितरकों, कंपनियों — से प्रतिक्रिया मांगी है ताकि पोर्टेबिलिटी व्यवस्था में व्यवस्था सुचारू हो और आपूर्ति बाधित न हो।
सुझावों में यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि नए मॉडल में रिफिलिंग समय पर हो, लॉजिस्टिक व्यवस्था बने, और ग्राहकों को असुविधा न हो।
उपभोक्ताओं को भरोसा हो कि बदलाव प्रक्रिया सुरक्षित और पारदर्शी होगी — ऐसा नहीं है कि कंपनी बदलने पर गैस बंद हो जाए या आपूर्तिकर्ता बार-बार बदल जाए।
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चुनौतियाँ और संभावनाएँ
चुनौती संभावना / लाभ
आपूर्ति शृंखला समायोजन कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, सेवा गुणवत्ता में सुधार होगा
लॉजिस्टिक और रिफिल संयोजन उपभोक्ताओं को बेहतर विकल्प, शिकायतों में कमी
व्यवसाय मॉडल बदलाव कंपनियों को बेहतर ग्राहक अनुभव देना सुनिश्चित करना होगा