उत्तरकाशी, 28 सितंबर 2025 — गंगोरी-गर्मपानी नदी के बीच लापता स्वतंत्र पत्रकार राजीव प्रताप का शव रविवार को जोशियाड़ा बैराज से बरामद किया गया। वह 18 सितंबर की रात अपने मित्र सोबन सिंह की कार में ज्ञानसू से गंगोरी की ओर निकले थे और तभी से लापता थे।
पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य रेस्क्यू टीमों ने गंगोरी से लेकर चिन्यालीसौड़ तक नदी की खोज की। रविवार को जब संयुक्त टीमों ने बैराज के पास एक शव देखा, तो उसे बाहर निकालकर पुलिस को सौंपा गया। पंचनामा भरने के बाद शव को पहचान और पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया, जहाँ राजीव के परिजनों ने उसे पहचान लिया।
पुलिस के अनुसार, 18 सितंबर की रात राजीव प्रताप और सोबन सिंह ज्ञानसू से निकल कर गंगोरी की ओर गए थे। अगले दिन सुबह तक राजीव नहीं लौटा — तब मित्र ने पुलिस को सूचना दी। 19 सितंबर को सोबन सिंह की कार भागीरथी नदी में मिली, लेकिन राजीव उसमें नहीं था। परिवार ने नगर कोतवाली में इसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
इसके बाद सीसीटीवी फुटेज और थाना क्षेत्र की निगरानी कैमरों की जांच की गई, लेकिन कोई ठोस सुराग नहीं मिल सका। बाद में डीएम और एसपी के निर्देश पर नदी में विस्तृत खोज अभियान जारी रखा गया, जिसमें अंतिम तौर पर शव का मिलना बड़ी घटना बनी।
महत्व व सवाल:
यह स्पष्ट नहीं है कि यह एक दुर्घटना थी या किसी आपराधिक षड्यंत्र का परिणाम।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट, आरोपितों की पहचान, तथा हत्या की प्रकृति (यदि हुई हो) की जांच अभी बाकी है।
पत्रकारों की सुरक्षा और इलाके में प्रेस की आज़ादी को यह घटना पुनः केंद्र में ला सकती है।
आगे का कदम: स्थानीय पुलिस ने मामले की गंभीरता से तफ्तीश शुरू कर दी है। मामले की रिपोर्टिंग और निष्पक्ष जांच की मांग भी उठी है ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिले।