हरिद्वार, 25 सितंबर। श्री अखंड परशुराम अखाड़े ने ऋषिकेश में सुभाष वनखंडी रामलीला समिति द्वारा आयोजित की जाने वाली रामलीला पर लगाई गई रोक को हटाने की मांग की है। इस संबंध में अखाड़े के प्रतिनिधियों ने सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया।
अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि रामलीला हिंदुओं की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान की प्रतीक है। इसके माध्यम से समाज में भगवान राम के आदर्शों का प्रचार-प्रसार होता है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन द्वारा रामलीला पर रोक लगाने से हिंदू समाज की भावनाएं आहत हुई हैं।
कौशिक ने कहा कि रामलीला भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है, जो सामाजिक और सांस्कृतिक एकता को मजबूत करती है। ऐसे आयोजन पर प्रतिबंध लगाना धर्म और परंपरा के खिलाफ है। उन्होंने मांग की कि रामलीला के पात्रों पर दर्ज मुकदमे तुरंत वापस लिए जाएं और समिति को आयोजन की अनुमति प्रदान की जाए।
ज्ञापन सौंपने वालों में कुलदीप शर्मा, संजय कृष्ण, भागवताचार्य संजय शास्त्री, ब्रजमोहन शर्मा, मनोज ठाकुर, अश्विनी सैनी और पवन कृष्ण शास्त्री समेत कई लोग