टेक्नॉलॉजी की दुनिया में एक और बड़ी छलांग लगाते हुए, Meta ने अपने नवीनतम स्मार्ट ग्लास Ray-Ban Display मॉडल को पेश किया है। इसमें एआई-सक्षम फीचर्स, इन-बिल्ट डिस्प्ले और बेहतर इंटरैक्शन टेक्नोलॉजी है।
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मुख्य विशेषताएँ
इन-लेंस डिस्प्ले: दाईं लेंस के अंदर एक छोटा, रंगीन डिस्प्ले लगाया गया है जो पहनने वाले को ही दिखाई देता है — बाहर से नहीं।
मेटा न्यूरल बैंड (EMG रिस्टबैंड): एक कलाई बैंड जो हाथ की मांसपेशियों के संकेतों (इलेक्ट्रोमायोग्राफी) को पढ़कर जेस्चर आधारित नियंत्रण देता है — जैसे पिन्च, स्वाइप आदि।
संदेश, कॉल, मीडिया इंटीग्रेशन: WhatsApp, Messenger, Instagram जैसे ऐप्स के मैसेज और मीडिया डिस्प्ले पर दिखेंगे, और वीडियो कॉल करने की सुविधा होगी।
लाइव कैप्शन और भाषांतरण: उपयोगकर्ता की बातचीत को वास्तविक समय में स्क्रीन पर कैप्शन के रूप में दिखाया जा सकेगा, और भाषा अनुवाद भी होगा।
नेविगेशन और मैप: पैदल मार्गदर्शन (turn-by-turn) और नक्शा डिस्प्ले का समर्थन।
बैटरी और चार्जिंग: चश्मा लगभग 6 घंटे मिश्रित उपयोग (mixed use) दे सकता है; इसके चार्जिंग केस के ज़रिये कुल बैटरी लाइफ ~30 घंटे हो सकती है।
कीमत और उपलब्धता: कीमत $799 (अमेरिकी डॉलर) रखी गई है और इसकी बिक्री अमेरिका में 30 सितंबर 2025 से शुरू होगी।
रंग और आकार: ग्लास और रिस्टबैंड दोनों कई आकारों और रंगों में उपलब्ध होंगे।
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चुनौतियाँ और चिंता
डेमो में तकनीकी दिक्कतें: लॉन्च के दौरान कुछ फीचर्स काम नहीं कर पाए, जिसे खुद मार्क जुकरबर्ग ने स्वीकार किया।
गोपनीयता और सुरक्षा: चूंकि कैमरा और माइक्रोफोन लगे हैं, इसलिए यह सवाल उठता है कि क्या लोग बिना जानकारी के रिकॉर्ड हो सकते हैं? LED संकेत लाइट दी गई है, लेकिन इसकी विश्वसनीयता पर शंका बनी है।
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महत्व और संभावनाएँ
Meta का यह कदम, पारंपरिक स्मार्टफोन द्वारा स्क्रीन देखने की निर्भरता को कम करने की दिशा में एक बड़ा अनुभव हो सकता है। यह एआई और ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) को दैनिक जीवन में सहज तरीके से जोड़ने की दिशा में एक कदम है।
साथ ही, इससे स्पष्ट है कि हम “स्क्रीन निकालो और सिर पर पहन लो” जैसी तकनीक की ओर बढ़ रहे हैं — जिसमें सूचना हमारे सीधे दृष्टिकोण में पहुंचती है, न कि हाथों में फोन में देखनी पड़ती है।