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मूर सिंघी होगा ‘एमएसएमई फॉर भारत अवॉर्ड्स 2025’ का नॉलेज पार्टनर, करेगा प्रवर्तनों का निष्पक्ष मूल्यांकन”

अमर उजाला ने ‘एमएसएमई फॉर भारत अवॉर्ड्स 2025’ के लिए मूर सिंघी एडवाइजर्स एलएलपी को आधिकारिक नॉलेज पार्टनर नियुक्त किया है। इस भूमिका में मूर सिंघी सभी आवेदन / नॉमिनेशन की समीक्षा करेगा, ताकि चयन प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष हो।

 

 

 

समाचार लेख

 

नई दिल्ली – अमितर उजाला द्वारा आयोजित महत्त्वाकांक्षी आयोजन ‘एमएसएमई फॉर भारत अवॉर्ड्स 2025’ में अब मैनेजमेंट व मूल्यांकन प्रक्रिया और मजबूत होने जा रही है। अमर उजाला ने मूर सिंघी एडवाइजर्स एलएलपी को इस अवॉर्ड्स कार्यक्रम का नॉलेज पार्टनर नियुक्त किया है।

 

नॉलेज पार्टनर के रूप में मूर सिंघी की भूमिका होगी — प्राप्त होने वाले नॉमिनेशन / आवेदन की गुणवत्ता, योग्यता और विषयानुसार मूल्यांकन करना। इसका मकसद है कि पुरस्कार प्रक्रिया पूरी तरह से पेशेवर मानकों, निष्पक्षता और पारदर्शिता के आधार पर हो।

 

मूर सिंघी के मैनेजिंग पार्टनर अनुराग सिंघी ने कहा है कि एमएसएमई भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, क्योंकि ये रोजगार सृजन, नवाचार और समावेशी विकास में अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें गर्व है कि इस क्षेत्र के चुनिंदा उद्यमियों को सम्मानित करने की इस पहल में उनका योगदान हो रहा है।

 

 

 

आयोजन और विवरण

 

दिनांक और स्थान: 9 अक्टूबर, भारत मंडपम, दिल्ली।

 

मुख्य अतिथि: केंद्रीय एमएसएमई मंत्री जीतनराम मांझी सहित केंद्रीय व राज्य सरकार के कई मंत्री इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।

 

श्रेणियाँ: अवॉर्ड्स 15 श्रेणियों में प्रदान किए जाएंगे जैसे ‒ मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस, इनोवेशन व रिसर्च एंड डेवलपमेंट, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, गुणवत्ता व सततता (क्वालिटी व सस्टेनेबिलिटी), सेवा और ग्राहक प्रभाव, महिला उद्यमी योगदान, सामाजिक प्रभाव, पर्यावरण मित्र पहल आदि।

 

कैटिगरी के सब-कैटिगरी: प्रत्येक श्रेणी में तीन उप-पुरस्कार होंगे – गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज।

 

उद्देश्य: उन उद्यमियों व संस्थाओं की पहचान करना, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर अर्थव्यवस्था व समाज पर सकारात्मक प्रभाव डाला है।

 

 

 

 

महत्व व प्रभाव

 

एमएसएमई क्षेत्र में पारदर्शिता और विश्वास बढ़ाने में यह पहल सहायक होगी।

 

नॉलेज पार्टनर की भूमिका से मूल्यांकन प्रक्रिया की गुणवत्ता में सुधार होगा।

 

इससे छोटे-उद्यमियों को उनकी मेहनत के लिए मान्यता मिलने का अवसर मिलेगा।

 

नीति-निर्माताओं और उद्योग जगत को यह संकेत मिलेगा कि उत्कृष्टता को पुरस्कृत किया जा रहा है, जिससे प्रेरणा का माहौल बनेगा।

 

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