यूकेएसएसएससी स्नातक स्तरीय परीक्षा का पेपर लीक होने के आरोपों में अब मुख्य आरोपी खालिद को पुलिस ने हरिद्वार से गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले उसकी बहन साबिया को पकड़ा गया था। पूछताछ जारी है और मामले की तह तक जाने का दावा किया जा रहा है।
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समाचार लेख
देहरादून/हरिद्वार से। यूकेएसएसएससी (उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग) की स्नातक स्तरीय परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने के आरोपों में पुलिस की कार्रवाई तेज हो गई है। खालिद, जिसे मामले का मुख्य आरोपित माना जा रहा है, हरिद्वार से हिरासत में लिया गया है। उससे पहले साबिया, उसकी बहन, को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस अधीक्षक (SSP) अजय सिंह ने पुष्टि की कि खालिद से फिलहाल पूछताछ की जा रही है। आरोप है कि परीक्षा के तीन पन्ने परीक्षा केन्द्रों से बाहर भेजे गए थे। इस घटना ने आयोग की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यूकेएसएसएससी ने परीक्षा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी ४४५ परीक्षा केन्द्रों में जैमर डिवाइस लगवाए थे। ये जैमर 4G नेटवर्क को ब्लॉक कर सकते हैं। लेकिन जांच में सामने आया है कि ये जैमर 5G नेटवर्क को नियंत्रित नहीं कर पा रहे थे, जबकि प्रदेश के अधिकांश क्षेत्र अब 5G सेवा से जुड़े हैं। इससे यह प्रश्न उठता है कि मोबाइल प्रतिबंध के बावजूद कैसे किसी ने परीक्षा केंद्र के अंदर से पेपर की तस्वीर खींची या बाहर भेजी गई।
पुलिस अधिकारियों का मानना है कि खालिद को मदद करने वाले अन्य लोग भी हो सकते हैं, और इस दिशा में भी जांच जारी है। आयोग और पुलिस दोनों इस बात की पड़ताल कर रहे हैं कि सुरक्षा व्यवस्था में किन कमजोरियों का फायदा उठाया गया।
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पृष्ठभूमि
यूकेएसएसएससी स्नातक स्तरीय परीक्षा के दौरान परीक्षा प्रश्नपत्र के लीक होने की शिकायतें मिली थीं।
आयोग ने बताया कि इस परीक्षा में मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया था।
जैमर डिवाइस लगाये गए थे, लेकिन तकनीकी रूप से समझा गया कि ये 5G नेटवर्क को नियंत्रित करने में सक्षम नहीं थे।
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संभावित सवाल और प्रासंगिकता
क्या परीक्षा अउरी सेंधमारी की घटना आयोग के भरोसे को प्रभावित करेगी?
राज्य सरकार और आयोग द्वारा परीक्षा सुरक्षा के लिये उठाए गए उपायों की समीक्षा की गई या नहीं?
यदि जैमर 5G नेटवर्क को नहीं रोक पा रहे, तो इससे जुड़े तकनीकी मानकों में सुधार की आवश्यकता है।