हरिद्वार, 19 सितम्बर। शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर एवं जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने कहा कि अब संत समाज को चुप रहने की बजाय सनातन की रक्षा के लिए निर्णायक कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा भगवान विष्णु को लेकर की गई अपमानजनक टिप्पणी ने हिंदुओं की आस्था को गहरी ठेस पहुँचाई है।
महामंडलेश्वर नरसिंहानंद गिरी ने गंगा तट पर धर्म संसद को पुनर्जीवित कर उसे वैधानिक स्वरूप देने का संकल्प लिया। इसके लिए उन्होंने अखाड़ा परिषद से सहयोग की अपील की। उनके साथ विश्व धर्म संसद की मुख्य संयोजक डॉ. उदिता त्यागी, यति सत्यदेवानंद और यति अभयानंद महाराज भी उपस्थित रहे।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों की चुप्पी इस बात का प्रमाण है कि हिंदू समाज अब राजनीतिक रूप से अनाथ हो चुका है। “संत समाज अगर अब भी चुप रहा तो यह धर्म के साथ विश्वासघात होगा, और भगवान कभी इसे क्षमा नहीं करेंगे,” उन्होंने चेताया।
गंगा भजन आश्रम में उनकी भेंट महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरी और महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानंद गिरी से हुई। दोनों ने उन्हें हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।
संत समाज अब धर्म संसद के माध्यम से सनातन की रक्षा और हिंदुओं के अधिकारों के लिए संगठित संघर्ष की तैयारी कर रहा है।