देहरादून। सहस्रधारा के मजाडा और कार्लीगाड़ समेत कुछ अन्य गांवों में बीती सोमवार- मंगलवार की रात आई भीषण बारिश ने मलबे का कहर बरपाया है। खेत-घर मलबे में दब गए हैं, जिससे ग्रामीणों के पैरों तले जमीन खिसक गई है। गांव के दृश्य देखकर लोग अपने आंसू रोक नहीं पा रहे हैं।
बारिश थमने के बाद भी खतरा बरकरार है। प्रभावित लोगों को सुरक्षित ठिकानों—होटलों और स्कूलों—में शिफ्ट किया गया है। सेरा गांव के प्रधान संजय सिंह ने बताया कि मजाडा और कार्लीगाड़ को पूरी तरह खाली कर दिया गया है ताकि बचाव (रेस्क्यू) अभियान सुचारु रूप से चल सके।
गांवों से कुछ ही दूरी पर जल आपूर्ति भी बंद हो गई है। विशेषकर सहस्रधारा से आईटी पार्क तक पानी की लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिससे वहां के निवासियों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय जल संस्थान अधीक्षण अभियंता राजीव सैनी ने कहा कि जल आपूर्ति अच्छी तरह बहाल करने का काम जारी है और टैंकरों द्वारा आपात सेवाएँ प्रदान की जा रही हैं।