तिरुवनंतपुरम। केरल में ब्रेन-ईटिंग अमीबा (Naegleria fowleri) के कारण फैल रही प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (PAM) बीमारी ने दहशत फैला दी है। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल अब तक 67 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 20 लोगों की मौत हो चुकी है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह संक्रमण पीने के पानी से नहीं फैलता, बल्कि तालाब, झील, स्विमिंग पूल या ठहरे हुए पानी में तैराकी और डाइविंग जैसी गतिविधियों के दौरान पानी नाक से अंदर जाने पर अमीबा सीधे दिमाग तक पहुँच जाता है।
लक्षण
संक्रमण के शुरुआती लक्षण सामान्य मेनिंजाइटिस जैसे होते हैं—
- तेज़ सिरदर्द
- बुखार और उल्टी
- गर्दन में अकड़न
- भ्रम, दौरे और बेहोशी
यह बीमारी बेहद तेज़ी से बढ़ती है और कुछ ही दिनों में जानलेवा हो सकती है।
बचाव
स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को चेताया है कि गर्म व ठहरे पानी में तैराकी से बचें, स्विमिंग के दौरान नाक क्लिप का इस्तेमाल करें और तालाब-पूल की नियमित क्लोरीनेशन व सफाई जरूरी है। साथ ही नाक धोने या नेति के लिए हमेशा उबला या फ़िल्टर किया हुआ पानी ही प्रयोग करें।
सरकार ने अपील की है कि लोग सावधानी बरतें और लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर पहचान और इलाज से इस घातक बीमारी से बचाव संभव है।