नई दिल्ली, 16 सितंबर 2025 — केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने सूचना दी है कि 22 सितंबर 2025 से स्वास्थ्य और जीवन बीमा की व्यक्तिगत पॉलिसियों पर देय कमीशन और ब्रोकरेज जैसे इनपुट पर चुकाए गए GST का इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) बीमा कंपनियाँ **नहीं ले सकेंगी।
क्या बदल रहा है:
पिछले नियमों के अनुसार, बीमा कंपनियाँ कमीशन, ब्रोकरेज व अन्य इनपुट सेवाओं पर चुकाए गए GST का ITC लेती थीं।
लेकिन अब, क्योंकि व्यक्तिगत स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम को 3 सितंबर की GST काउंसिल की बैठक में GST-मुक्त करने की घोषणा की गई है, बीमा कंपनियों को इन इनपुटों पर चुकाए गए GST को अपनी लागत में शामिल करना होगा।
रिइंशोरेन्स (reinsurance) सेवाओं पर यह छूट बनी रहेगी।
अन्य सेक्टरों पर असर:
होटल, ब्यूटी और वेलनेस क्षेत्र के उन सेवाप्रदाताओं को भी लाभ नहीं होगा जहाँ 5% की दर बिना ITC लागू है।
सरकार का उद्देश्य है कि अंतिम उपभोक्ता को टैक्स-बोझ कम हो। इस बदलाव से सेवाप्रदाताओं की लागत बढ़ेगी, क्योंकि इनपुट टैक्स की वसूली नहीं हो पाएगी।
परिणाम और चिंताएँ:
बीमा कंपनियों की परिचालन लागत बढ़ सकती है और यह संभव है कि कुछ लागत वह अंततः ग्राहकों पर पड़े।
कई कंपनियाँ और हितधारक (stakeholders) CBIC से इस बदलाव के तहत ट्रांज़िशन मेकेनिज़्म (گذار अवधि) की मांग कर रहे हैं ताकि एक-बार पहले से अर्जित ITC का नकारात्मक प्रभाव कम हो सके।