अमेरिका की Federal Trade Commission (FTC) के अध्यक्ष एंड्रयू फर्ग्यूसन ने गूगल की मैटर टेक कंपनी Alphabet के सीईओ सुंदर पिचाई को एक सख्त पत्र लिखा है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि Gmail का स्पैम फ़िल्टरिंग सिस्टम रिपब्लिकन नेताओं द्वारा भेजे गए ईमेल्स को स्पैम में डाले जा रहा है, जबकि डेमोक्रेटिक संदेशों को बिना रोक-टोक पहुंचाया जा रहा है।
फर्ग्यूसन ने स्पष्ट कहा कि यदि Gmail का फ़िल्टरिंग सिस्टम यूजर्स को उनकी अपेक्षित जानकारी या राजनीतिक योगदान से वंचित कर रहा है, तो यह FTC अधिनियम की “unfair or deceptive trade practices” के अंतर्गत आता है और इसके चलते गूगल पर जांच और प्रवर्तन कार्रवाई हो सकती है।
दूसरी ओर, Google ने इन आरोपों से पूरी तरह इंकार किया है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि Gmail के स्पैम फ़िल्टर कई ‘objective signals’ के आधार पर कार्य करते हैं जैसे — यूजर द्वारा किसी ईमेल को स्पैम के रूप में चिह्नित करना, या किसी एजेंसी द्वारा बड़ी संख्या में भेजे गए ईमेल्स का प्रयोग—और यह प्रक्रिया राजनीतिक विचारधारा पर आधारित नहीं है।
इस विवाद की जमीन पर एक Targeted Victory नामक कंसल्टिंग फर्म का दावा है कि GOP (WinRed) प्लेटफॉर्म वाले ईमेल्स को Gmail ने ‘संदिग्ध’ लेबल कर दिया, जबकि डेमोक्रेट प्लेटफॉर्म (ActBlue) वाले ईमेल्स बिना हस्तक्षेप के पहुंच गए। यह आधार 2025 जून–जुलाई में देखने में आया था।
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क्यों यह खबर महत्वपूर्ण है? (Key Takeaways):
यह मुद्दा दर्शाता है कि बड़े टेक प्लेटफॉर्म्स पर राजनीतिक पूर्वाग्रह (bias) को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं।
FTC द्वारा भेजा गया यह पत्र गूगल के साथ नियामकीय संबंधों में तनाव का नया संकेत है।
भविष्य में अमेरिकी चुनावी संचार और फ्री स्पीच से जुड़े नियमों में बदलाव की संभावनाएँ बढ़ गई हैं।