चेन्नई, 28 अगस्त – तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई स्थित टंडेयारपेट के प्रिंस विलेज सभागार में हिंदू राष्ट्र संगोष्ठी का आयोजन संपन्न हुआ। यह कार्यक्रम पूज्यपाद जगद्गुरु शंकराचार्य गोवर्धन पीठाधीश्वर महाराज जी के कृपा पात्र शिष्य श्री प्रेमचंद्र झा के सानिध्य में आयोजित हुआ।
संगोष्ठी में श्री झा ने सनातन मानबिंदुओं की रक्षा एवं शंकराचार्य परंपरा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “यदि आदि शंकराचार्य नहीं होते तो आज हम हिंदू नहीं होते। उन्होंने मात्र 32 वर्ष की आयु में चारों धाम का पुनरुद्धार कर चार शंकराचार्यों की स्थापना की थी।”
उन्होंने कहा कि वर्तमान शंकराचार्य जी लगातार देश-विदेश में भ्रमण कर भारतीय संस्कृति और परंपरा के संरक्षण के लिए कार्य कर रहे हैं। श्री झा ने यह भी कहा कि “12 वर्षों से हिंदूवादी शासन होने के बावजूद भोजन, वस्त्र, आवास, शिक्षा, विवाह और उत्सव भारतीय परंपरा के अनुरूप नहीं हैं। अब समय आ गया है कि सभी हिंदू संगठित होकर भव्य भारत के निर्माण में योगदान दें, ताकि भारत को शीघ्र ही हिंदू राष्ट्र घोषित किया जा सके।”
इस अवसर पर अन्य वक्ताओं ने भी विचार रखे और अभियान को सफल बनाने का संकल्प लिया। कार्यक्रम के संयोजक अमरनाथ मिश्रा, पंकज कुमार झा, पंडित मनोज जी, अभय झा और उत्तम कुमार रहे। आयोजन में स्थानीय सैकड़ों सनातनियों ने भागीदारी की।