नई दिल्ली, 12 अगस्त। संसद ने वित्त व्यवस्था में बड़े सुधार की दिशा में आज महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
राज्यसभा में पेश: आयकर विधेयक 2025 और कराधान संशोधन विधेयक
राज्यसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आयकर विधेयक, 2025 और कराधान कानून (संशोधन) विधेयक, 2025 एक साथ पेश किए, जिन्हें विचारार्थ प्रस्तुत किया गया और वापस भेज दिया गया। उन्होंने यह भी घोषणा की कि अब मासिक ₹1 लाख तक की आय पर कोई आयकर नहीं लगाया जाएगा—यह राहत मध्यमवर्ग के लिए विशेष रूप से लाभदायक होगी।
लोकसभा में पेश: दिवाला एवं शोधन अक्षमता कोड में संशोधन विधेयक
इसी दिन लोकसभा में दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया गया और इसे प्रवर समिति को भेज दिया गया। इस कोड का कार्यान्वयन कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत है, और अब तक यह छह बार संशोधन हेतु पारित हो चुका है, जिसमें अंतिम संशोधन 2021 में हुआ था।
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संपादकीय रेखा:
राज्यसभा में पेश कुल्हड़ विधेयक (आयकर और कराधान संशोधन) से वित्तीय प्रणाली में पारदर्शिता और राहत की संभावना सजीव हुई।
लोकसभा में दिवाला कानून में प्रस्तावित संशोधन से कॉर्पोरेट रीस्ट्रक्चरिंग को गति मिलने की संभावना है।
यह कदम संविधानिक और कारोबारी सुधार दोनों की दिशा में एक ठोस पहल प्रतीत होती है, जो मध्यमवर्गीय करदाताओं और उद्योग जगत दोनों के हितों को संतुलित करता है।