उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में 5 अगस्त को हुई भीषण क्लाउडबर्स्ट से तबाह धराली और हर्षिल क्षेत्रों में राहत एवं बचाव अभियान पूरी मजबूती से जारी है।
सरकार के पहली बार आधिकारिक बयान के अनुसार, अब तक 43 लोग लापता हैं, जिनमें से एक शव बरामद हुआ है। राहत efforts में प्रशासन ने लोगों से “भारी से बहुत भारी” बारिश की चेतावनी दी है, जो 15 अगस्त तक बनी रहेगी—इससे और नुकसान या रुकावट की आशंका बनी है।
धर्माली गांव अब वीरानी के आलम में है। एक पत्रकार दल ने दर्शाया कि आपदा केन्द्र तक पहुँचने के लिए 26 घंटे की थका देने वाली पैदल यात्रा करनी पड़ी, जहाँ सिर्फ मलबा, कीचड़ और उजड़ता जीवन नजर आया।
हर्षिल के ऊपरी इलाकों में एक अस्थायी झील का निर्माण हुआ है, जिसका आकार लगभग 400–500 मीटर बताया गया है। बारिश और सतह परिवर्तनों के कारण इस झील से अचानक बाढ़ की संभावना बनी हुई है—जिस पर अधिकारी लगातार निगरानी रख रहे हैं।
यह खबर न केवल जोखिम भरे हालात को उजागर करती है बल्कि यह भी दिखाती है कि राहत और बचाव के साथ-साथ अनुमानित प्राकृतिक खतरे से निपटने के लिए सतर्कता कितनी महत्वपूर्ण है।