हरिद्वार, 10 अगस्त – संत समाज ने ब्रह्मलीन महायोगी पायलट बाबा को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि संत-महापुरुष देश को एकता के सूत्र में बांधने का कार्य करते हैं और आश्रमों-अखाड़ों में भाई-भतीजावाद की कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
विंग कमांडर कपिल सिंह के नाम से भारतीय वायु सेना में सेवाएं देने वाले पायलट बाबा ने 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्धों में भाग लिया। 33 वर्ष की आयु में स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति लेकर वे हिमालय में तपस्या के पथ पर चले। समाधि विज्ञान और क्रिया योग के लिए प्रसिद्ध, उन्होंने भारत और विदेशों में सौ से अधिक बार इसका प्रदर्शन किया।
पायलट बाबा ने नैनिताल, हरिद्वार, सासाराम और उत्तरकाशी में आश्रम स्थापित किए और विश्व शांति अभियान के माध्यम से एकता का संदेश दिया। अनुयायियों ने उनके निधन को अपूरणीय आध्यात्मिक क्षति बताया, लेकिन कहा कि उनकी शिक्षाएं सदा प्रेरणा देती रहेंगी।