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उत्तरकाशी में बादल फटने से तबाही, कई लोग लापता, राहत कार्य जारी

तेज बारिश से नदियां उफान पर, मलबे में दबे वाहन, SDRF और प्रशासन अलर्ट पर

उत्तरकाशी/देहरादून। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में मंगलवार तड़के बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचा दी। मांडो गांव के पास हुई इस घटना के बाद इलाके में अचानक आई बाढ़ और मलबे में कई वाहन बह गए, जबकि कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। घटनास्थल पर SDRF और जिला प्रशासन की टीमों द्वारा राहत एवं बचाव कार्य जारी है।

 

घटना में एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि चार लोग घायल हुए हैं। इसके अलावा कई लोग लापता हैं और मलबे में दबे होने की आशंका है। मांडो, गणेशपुर, ज्ञानसू और जोशियाड़ा जैसे क्षेत्रों में स्थिति अत्यंत गंभीर बनी हुई है।

 

मुख्य घटनाएं:

 

सुबह करीब 4 बजे मांडो गांव के पास बादल फटने से भारी पानी और मलबा नीचे आया

 

कई गाड़ियां मलबे में दब गईं, घरों में पानी और कीचड़ घुसा

 

गंगोरी और जखोल मार्ग अवरुद्ध, बिजली व संचार व्यवस्था भी प्रभावित

 

प्रशासन द्वारा स्कूलों में छुट्टी घोषित, लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है

 

 

प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया:

SDRF, पुलिस और आपदा प्रबंधन की टीमें घटनास्थल पर डटी हैं। मलबा हटाने के लिए जेसीबी मशीनें लगाई गई हैं। कई जगहों पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा:

“प्रभावित लोगों को हर संभव मदद दी जाएगी। SDRF और NDRF को अलर्ट पर रखा गया है। राहत व बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है।”

 

मौसम विभाग की चेतावनी:

अगले 24 घंटे उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, टिहरी और चमोली में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। प्रशासन ने नदी किनारे रहने वाले लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।

 

स्थानीय निवासी बोले — “ऐसी तबाही पहले कभी नहीं देखी”

मांडो गांव निवासी एक चश्मदीद ने बताया, “हम सब सो रहे थे, अचानक तेज गर्जना और पानी की आवाज आई, कुछ ही देर में घर में पानी भर गया। कई लोग अपनी जान बचाकर भागे।”

 

 

 

सरकार और प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण समय

उत्तराखंड की संवेदनशील भौगोलिक स्थिति को देखते हुए इस प्रकार की आपदाएं आम होती जा रही हैं। सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या पहाड़ी इलाकों में पूर्व चेतावनी और प्रबंधन व्यवस्था पर्याप्त है?

 

राहत की आवश्यकता:

 

लापता लोगों की शीघ्र खोजबीन

 

बेघर हुए लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था

 

मार्गों की बहाली और संचार सेवा पुनः चालू करना

 

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