उत्तर प्रदेशउत्तराखंडगढ़वाल मण्डलदिल्ली एनसीआरदेश-विदेशदेहरादूनयूथरुड़कीशिक्षासामाजिकहरिद्वार

जमीनी विवाद में अधिवक्ता पर झूठी एफआईआर दर्ज, पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में

शीतला बख्श खेड़ा मजरे केसौली निवासी अधिवक्ता रामेन्द्र कुमार सिंह ने खुद पर दर्ज एफआईआर को झूठा और निराधार बताया है। उन्होंने इस मामले में पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाते हुए पुलिस अधीक्षक रायबरेली से एफआईआर वापस लेने की मांग की है।

 

रामेन्द्र कुमार सिंह का कहना है कि गाटा संख्या 869, 870, 871 व 873 में वह सह-खातेदार हैं और लंबे समय से भूमि पर खेती कर रहे हैं। वर्तमान में उपजिलाधिकारी लालगंज, अपर आयुक्त न्यायिक प्रथम लखनऊ और सिविल कोर्ट रायबरेली में बंटवारे व स्थायी निषेधाज्ञा संबंधी मामले विचाराधीन हैं।

 

उन्होंने बताया कि केसौली गांव की भूमि में अधिग्रहण को लेकर भूमि अध्याप्ति विभाग की रिपोर्ट में भी त्रुटियों की पुष्टि हो चुकी है, जिसकी शिकायत पर उपजिलाधिकारी ने इजराय कन्फर्मेशन की कार्यवाही को रोक दिया और न्यायालय में वाद बहाल कर 7 जुलाई 2025 को सुनवाई निर्धारित की।

 

इसी बीच, उन्होंने आरोप लगाया कि उसी विवादित भूमि पर कब्जे की नीयत से विपक्षी सुनील कुमार ने पुलिस से मिलीभगत कर 15 जुलाई को उनके खिलाफ एफआईआर संख्या 209/2025 दर्ज करवा दी, जबकि उस दिन वे गांव में मौजूद ही नहीं थे।

 

इस प्रकरण को लेकर अधिवक्ता समाज में आक्रोश व्याप्त है और अधिवक्ताओं ने बैठक कर आगामी रणनीति तय करने की बात कही है।

 

[बॉक्स में हाइलाइट]

 

अधिवक्ता ने एफआईआर को बताया झूठा

 

पुलिस की भूमिका को लेकर जताई शंका

 

अधिवक्ताओं ने दी आंदोलन की चेतावनी

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button