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महिलाओं और किसानों के आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम – हरिद्वार में “आकांक्षा हाट” बना आकर्षण का केंद्र

नीति आयोग के ‘संपूर्णता अभियान’ के तहत हुआ आयोजन, 2 अगस्त तक चलेगा मेला

हरिद्वार में महिलाओं और किसानों की प्रतिभा को मंच देने के उद्देश्य से नीति आयोग के 6-दिवसीय संपूर्णता अभियान के अंतर्गत “आकांक्षा हाट” का आयोजन किया गया है। मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे की पहल पर यह हाट हर की पैड़ी स्थित सीसीआर टावर के सामने लगाया गया है, जो 2 अगस्त 2025 तक चलेगा।

 

इस हाट में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं और नवाचार करने वाले किसानों ने अपने हस्तनिर्मित और घरेलू उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई है। इसमें डेयरी उत्पाद, हस्तनिर्मित राखियाँ, जूट बैग, सिंघाड़े के आटे के बिस्कुट, लिप्पन आर्ट, शुद्ध शहद और अन्य ग्रामीण उत्पाद लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।

 

मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे ने स्वयं हाट का दौरा किया और महिला उद्यमियों से संवाद कर उनके प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा,

 

> “यह हाट महिलाओं के कौशल को प्रोत्साहित करने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक प्रभावी कदम है।”

 

 

 

किसानों की अभिनव तकनीक भी बनी आकर्षण का केंद्र

मेरठ से आए वैभव शर्मा और राम मिलन भारद्वाज जैसे नवाचारियों ने खेतों में बीज बोने वाली मशीन और सोलर ऊर्जा से चलने वाली चाक प्रदर्शित की, जो कुम्हारों और किसानों के लिए बेहद लाभकारी साबित हो सकती है।

 

स्वयं सहायता समूहों की शानदार भागीदारी

रुड़की से भगवती स्वयं सहायता समूह की संचालिका मेनका और सीएलएफ सदस्य अंशुल कर्नवाल जैसे प्रतिनिधियों ने समूह की उपलब्धियों और बिक्री में बढ़ोतरी पर खुशी जताई। “हुनर की छाप” नामक हैंडमेड फीडबैक बोर्ड पर ग्राहकों ने भी महिलाओं के प्रयासों की सराहना की।

 

यह आयोजन जिला प्रशासन, नीति आयोग, और ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना के संयुक्त प्रयास से संभव हो पाया है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण प्रतिभाओं को बाज़ार उपलब्ध कराना और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाना है।

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