मनसा देवी व चंडी देवी मंदिरों में सुरक्षा इंतज़ामों की समीक्षा बैठक, एक सप्ताह में सुरक्षा ऑडिट रिपोर्ट के निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर हरिद्वार प्रशासन श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर सक्रिय हो गया है। इसी क्रम में आज सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता अपर जिलाधिकारी प्रशासन फिंचाराम चौहान ने की। बैठक में राज्य मंत्री ओमप्रकाश जमदग्नि विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
बैठक में मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट, जिला प्रशासन, पुलिस, वन विभाग, एचआरडीए और नगर निगम समेत कई विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। राज्य मंत्री जमदग्नि और एडीएम चौहान ने निर्देश दिए कि मंदिर परिसर में फायर सेफ्टी ऑडिट, फायर हाइड्रेंट की संभावनाओं की जांच, और विद्युत सुरक्षा ऑडिट अविलंब कराई जाए। साथ ही मनसा देवी रोपवे के पास जल टैंक की क्षमता बढ़ाने हेतु जल संस्थान को सर्वे के निर्देश दिए गए हैं।
बैठक में यह भी तय किया गया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए वैष्णो देवी मंदिर की तर्ज पर प्रशिक्षित निजी सुरक्षा गार्ड तैनात किए जाएंगे। भीड़ नियंत्रण, वनाग्नि रोकथाम और आपदा प्रबंधन में इन गार्डों को पुलिस और वन विभाग द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। मंदिर परिसर की क्षमता के अनुसार ही श्रद्धालुओं को प्रवेश मिलेगा, और समय रहते भीड़ की सूचना सार्वजनिक की जाएगी।
स्वच्छता और सुविधा पर भी ज़ोर
मंदिर मार्ग और परिसर में सफाई व्यवस्था हेतु ट्रस्ट द्वारा सफाई कर्मियों की संख्या बढ़ाई जाएगी और रविवार को विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। साथ ही मां मनसा देवी धर्मार्थ चिकित्सालय के प्रचार हेतु साइन बोर्ड लगाए जाएंगे। सॉलिड वेस्ट के निस्तारण की जिम्मेदारी नगर निगम को सौंपी जाएगी।
एसपी सिटी पंकज गैरोला ने सुरक्षा ऑडिट के साथ-साथ सभी विभागों से सुरक्षात्मक सुझाव प्रस्तुत करने को कहा। एचआरडीए के सचिव मनीष सिंह ने भू-स्खलन संभावित क्षेत्रों, मरम्मत कार्य और कचरा प्रबंधन पर दिशा-निर्देश दिए।
इसी तरह चंडी देवी मंदिर परिसर में भी एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई जिसमें श्रद्धालुओं की सुरक्षा और आधारभूत सुविधाओं पर गहन चर्चा की गई और संबंधित विभागों को निर्देशित किया गया।
बैठक में अपर जिलाधिकारी दीपेन्द्र सिंह नेगी, सीओ शिशुपाल सिंह नेगी, वन विभाग की पूनम कैंथोला, राजाजी पार्क के अजय लिंगवाल, बद्री-केदार समिति के अधिकारी रमेश नेगी समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।
निष्कर्षतः, प्रशासन ने साफ कर दिया है कि मंशा देवी जैसे हादसों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए हर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा व सुविधा को सर्वोच्च प्रा थमिकता दी जाएगी।