श्री अखंड परशुराम अखाड़ा द्वारा जिला कारागार रोशनाबाद में आयोजित श्री शिव महापुराण कथा के अष्टम दिवस पर महामंडलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने भक्तों को भस्म की महिमा का दिव्य ज्ञान कराया। उन्होंने बताया कि भस्म औघड़दानी शिव का सबसे प्रिय पदार्थ है, जो उनके वस्त्र और आभूषण के समान पूजनीय है। यह आत्मिक और शारीरिक बल प्रदान करने वाली है तथा पापों का नाश कर मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करती है।
कथा व्यास ने कहा कि भस्म को विधिपूर्वक धारण करने से मनुष्य के सभी दुखों और शोकों का अंत हो जाता है, और मृत्यु के समय भी उसे परम आनंद की अनुभूति होती है। शिव पुराण में भस्म को स्वयं शिव का स्वरूप बताया गया है।
इस अवसर पर श्री अखंड परशुराम अखाड़ा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि सत्य ही शिव हैं और संपूर्ण जगत शिवमय है। उन्होंने सामाजिक समरसता पर बल देते हुए सभी को जाति-पांति का भेद मिटाकर प्रेमभाव से जीने का संदेश दिया। राष्ट्रीय प्रवक्ता पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने कहा कि अखाड़ा का उद्देश्य सनातन संस्कृति के मूल्यों को समाज तक पहुंचाना और जातिगत भेदभाव को समाप्त करना है।
जेल अधीक्षक मनोज आर्या ने कहा कि कारागार एक ऐसा स्थान है जहाँ सभी धर्मों के लोग एक साथ प्रेमपूर्वक रहते हैं, और यही धार्मिक सत्संगों का वास्तविक लाभ है।
कार्यक्रम में डॉ. राकेश चंद्र गैरोला, अभिषेक अहलूवालिया (राष्ट्रीय श्री नारायण सेवा समिति), चंद्रकांत शर्मा, अंजित कुमार, कुलदीप शर्मा, मनोज ठाकुर, बृजमोहन शर्मा, सत्यम शर्मा, जलज कौशिक, पंडित विष्णु शास्त्री और पंडित संजय शास्त्री सहित कई गणमान्य जन उपस्थित रहे। सभी ने भक्ति भाव से शिव पूजन कर कथा का पुण्य अर्जित किया।