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जेल में शिव-पार्वती विवाह की कथा सुन भावुक हुए बंदी, आध्यात्मिक राह पर चलने का मिला संदेश

स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती ने कराया श्री शिव महापुराण कथा का श्रवण हरिद्वार, 16 जुलाई। जिला कारागार रोशनाबाद में श्री अखंड परशुराम अखाड़े द्वारा आयोजित श्री शिव महापुराण कथा के पांचवें दिन बंदियों को माता पार्वती और भगवान शिव के विवाह की दिव्य कथा सुनाई गई। कथा वाचन महामंडलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने किया।

 

उन्होंने बताया कि माता सती द्वारा दक्ष यज्ञ में आत्मोत्सर्ग के बाद उत्पात मचाने वाले तारकासुर का अंत केवल शिव पुत्र द्वारा ही संभव था। देवताओं की प्रार्थना पर मां भगवती ने हिमाचल के घर पार्वती के रूप में जन्म लिया। कठोर तपस्या के बाद भगवान शिव ने पार्वती से विवाह किया और उनके पुत्र कार्तिकेय ने तारकासुर का वध किया।

 

बंदियों को मिला आध्यात्मिक मार्गदर्शन

श्री अखंड परशुराम अखाड़े के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने बताया कि इस धार्मिक आयोजन का उद्देश्य बंदियों को अध्यात्म के माध्यम से सकारात्मक सोच और जीवन में सुधार की प्रेरणा देना है। उन्होंने विश्वास जताया कि ऐसे आयोजनों से बंदियों की सोच में परिवर्तन आएगा और वे समाज की मुख्यधारा से जुड़कर देशहित में योगदान दे सकेंगे।

 

कार्यक्रम में राष्ट्रीय सचिव पं. पवनकृष्ण शास्त्री, आचार्य विष्णु शर्मा, आचार्य संजय शर्मा, सत्यम शर्मा, कुलदीप चौहान, रूपेश कौशिक, विष्णु गौड़, जितेंद्र सैनी, मनोज कुमार, अनिल तिवारी, राहुल शर्मा, मनोज ठाकुर, बृजमोहन शर्मा, जलज कौशिक सहित कई साधक एवं कैदी मौजूद रहे।

 

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