कांवड़ यात्रा 2025 को लेकर श्री अखंड परशुराम अखाड़ा ने शिवभक्तों के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने एक पोस्टर जारी कर भक्तों से अनुशासन, पवित्रता और सनातन मर्यादाओं के पालन की अपील की है। यह यात्रा 11 जुलाई से 9 अगस्त 2025 तक चलेगी।
पंडित कौशिक ने कहा कि यह यात्रा केवल जल लाने की नहीं, बल्कि आत्मिक साधना और शिवभक्ति की प्रतीक है। उन्होंने शिवभक्तों से आग्रह किया कि वे यात्रा को केवल उत्सव नहीं, एक आध्यात्मिक अनुशासन समझें।
जारी किए गए प्रमुख नियम:
1. यात्रा से पहले बहन से टीका और बड़ों का आशीर्वाद लें।
2. हरिद्वार पहुंचकर मां गंगा को प्रणाम कर संकल्पपूर्वक जल भरें।
3. शौच या लघुशंका के बाद शुद्ध होकर ही कांवड़ उठाएं।
4. यात्रा में किसी भी प्रकार के नशे से पूर्ण परहेज करें।
5. भंडारे में प्रसाद के बाद दान अवश्य करें।
6. केवल वैष्णव शुद्ध भोजन ही ग्रहण करें।
7. कांवड़ को गूलर के पेड़ के नीचे से न ले जाएं।
8. जलाभिषेक के बाद बहन से आरती करवाकर ही घर प्रवेश करें।
9. कांवड़ खोलने से पहले सत्यनारायण कथा और कन्या द्वारा धागा खुलवाएं।
10. फिल्मी गानों या ईश्वर के स्वरूपों पर नृत्य जैसे कार्य न करें।
11. कांवड़ संबंधी सामग्री सनातन धर्म प्रेमियों से ही खरीदें।
12. राष्ट्रीय ध्वज का पूर्ण सम्मान करें, अपमान न करें।
13. कांवड़ पर भगवा ध्वज लगाकर सनातन पहचान बनाए रखें।
14. शिवभक्ति, भजन और जयकारों के साथ ही यात्रा संपन्न करें।
पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि,
> “यह यात्रा केवल कदमों की नहीं, आस्था और अनुशासन की यात्रा है। इन नियमों का पालन कर भक्त स्वयं को भी और संपूर्ण यात्रा को भी पवित्र बना सकते हैं।”
कांवड़ यात्रा को लेकर हरिद्वार में तैयारियां जोरों पर हैं। श्री अखंड परशुराम अखाड़ा की यह अपील कांवड़ियों के बीच आस्था और अनुशासन का संदेश लेकर आई है, जिससे शांति, व्यवस्थाऔर सनातन संस्कृति की गरिमा को बनाए रखने की उम्मीद है।