देहरादून (04 जुलाई 2025) – उत्तराखंड राज्य उपभोक्ता आयोग ने भैंस की मौत के बीमा मुअवज़े के विवाद में बीमा कंपनी ओरिएंटल इंश्योरेंस को 65,000 रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया। इसमें शामिल है:
बीमा राशि: 50,000 रुपये
मानसिक कष्ट मुआवज़ा: 10,000 रुपये (जिला आयोग के 20,000 रुपये से घटाया गया)
कानूनी खर्च: 5,000 रुपये (जिला आयोग के 10,000 रुपये से घटाया गया)
विवाद की पृष्ठभूमि
बीमा कंपनी ने दावा ठुकराते हुए दो मुख्य बिंदु उठाए:
1. मृत भैंस के माथे पर सफेद निशान, जो बीमा कराने के समय के फोटो में नहीं था।
2. कान में बीमांकन टैग बाएं कान में था, लेकिन मौत के बाद तस्वीर में दाहिनी कान में दिखाई दिया।
मालिक की दलील
मालिक ने बताया कि सोते समय साइड व्यू से दिखाई देने वाला छोटा सफेद निशान, सामने से लिया गया लाइव फोटो में नहीं आता।
कान की टैग रखें स्थान में परिवर्तन पशुचिकित्सा अधिकारी की जानकारी में था।
ये दलीलें आयोग ने स्वीकार कीं और बीमा कंपनी की आपत्ति को खारिज किया ।
️ आयोग का निर्णय
पीठ (अध्यक्ष कुमकुम रानी व सदस्य बीएस मनराल) ने बीमा कंपनी की अपील खारिज कर दी। हालांकि जिला आयोग द्वारा लगाए गए 50,000 रुपये के जुर्माने को निरस्त किया गया — क्योंकि मानसिक कष्ट के लिए मुआवजा मिल चुका था।
संपादकीय टिप्पणी
1. कानूनी जागरूकता: पशु बीमा संबंधी विवादों में भी उपभोक्ता आयोग कानूनी राहत पहुंचाने में सक्षम साबित हुए हैं।
2. मालिक की समझदारी: मामूली-सी बूझमूर्ति (जैसे निशान व टैग) को लेकर बहस में मालिक ने तर्क संगत जवाब देकर जीत हासिल की।
3. बीमा कंपनियों के लिए सतर्कता संदेश: बीमाकर्ता को भी अपनी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और लचीलापन लाने की ज़रूरत है।