हरिद्वार, 17 जून 2025: कनखल के संन्यास मार्ग स्थित श्री रामेश्वर आश्रम में श्रीमती कमलेश चौहान की स्मृति में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन कथा व्यास महामंडलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने रुक्मिणी विवाह की कथा सुनाई। भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं और रुक्मिणी विवाह के प्रसंग ने श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया।
नगर विधायक मदन कौशिक ने कथा का रसपान करते हुए कहा, “श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन बड़े पुण्य कर्मों से प्राप्त होता है। यह पितरों को मोक्ष और आयोजकों-श्रोताओं के लिए मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करती है।” उन्होंने आयोजकों और श्रोताओं के मंगलमय जीवन की कामना की।
कथा व्यास ने श्रीकृष्ण के मथुरा प्रस्थान, कंस वध, महर्षि संदीपनी के आश्रम में विद्या ग्रहण, कालयवन वध, द्वारिका स्थापना और ऊधव-गोपी संवाद का वर्णन किया। महारास में श्रीकृष्ण द्वारा गोपियों को परमानंद की अनुभूति और 16 हजार कन्याओं से विवाह का प्रसंग भी सुनाया। उन्होंने जीवन को बांसुरी की तरह दोषमुक्त और भगवान के नाम स्मरण से सुखमय बनाने की सीख दी।
स्वामी रामेश्वरानंद ने संस्कारयुक्त जीवन पर जोर देते हुए कहा, “ब्रह्म मुहूर्त में उठना, यज्ञ और गौ सेवा से भगवान की कृपा बनी रहती है।” रुक्मिणी विवाह की मनमोहक झांकी, श्रीकृष्ण-रुक्मिणी की वरमाला और फूलों की वर्षा ने भक्तिमय माहौल बनाया। भक्ति संगीत ने श्रोताओं को आनंदित किया।