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हरिद्वार: आनंदम समुदाय ने अनूठे अंदाज में मनाया पितृ दिवस, पिता के सम्मान में गीत-नृत्य और हास्य से बांधा समां

हरिद्वार। अंतर्राष्ट्रीय पितृ दिवस के अवसर पर शिवालिक नगर के एक स्थानीय होटल में आनंदम समुदाय ने अनोखे ढंग से पितृ दिवस का आयोजन किया। कार्यक्रम में 13 वर्षीय बच्चों से लेकर 80 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। पिता को समर्पित गीत, नृत्य, नाटिका, हास्य व्यंग्य और सामाजिक मूल्यों पर आधारित प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोह लिया।

 

कार्यक्रम का शुभारंभ महिला महाविद्यालय, कनखल की संगीत प्राध्यापिका डॉ. श्वेता सरन की गणेश वंदना से हुआ, जबकि समापन पत्रकार व लेखिका डॉ. राधिका नागरथ की शिव वंदना से हुआ। आयोजक दंपति श्रीमती रीता और श्यामसुंदर अवस्थी ने अपने हास्य व्यंग्य से दर्शकों को हंसा-हंसा कर लोटपोट कर दिया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती नीता नैयर और रीता अवस्थी ने संयुक्त रूप से किया। मुख्य आयोजक राजेंद्र कुमार अग्रवाल, रीता अवस्थी और श्यामसुंदर अवस्थी रहे।

 

युवाओं ने नृत्य नाटिका के माध्यम से वरिष्ठों के जीवन अनुभवों को दर्शाया, जबकि वरिष्ठ नागरिकों ने गीतों के जरिए अपनी यादें ताजा कीं। पूर्व पुलिस अधिकारी जेपी जुयाल के गीत ‘कई बार यूं ही देखा है’, श्री राम वर्मा के ‘कहीं दूर जब दिन ढल जाए’ और एनके राजू के ‘दूल्हा बिकता है’ ने खूब वाहवाही लूटी। नीता नैयर और रीता अवस्थी की हास्य नाटिका ‘पति का मुरब्बा’ ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया।

 

रेनु गुप्ता, कुमकुम, आशीया शर्मा, रंजना शर्मा, मीनाक्षी चावला, पूनम, अंजलि कामिनी आदि की प्रस्तुतियों ने भी दर्शकों की तालियां बटोरीं। ज्योति भट्ट की कुमाऊंनी लोक कला ‘ऐपण’ और मनीषा सिंह की स्वनिर्मित पेंटिंग्स की प्रदर्शनी ने सभी का ध्यान खींचा। कार्यक्रम की शुरुआत में युवाओं और बच्चों ने वरिष्ठजनों पर पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया।

 

ढाई घंटे तक चला यह जीवंत कार्यक्रम आनंदम समुदाय का हरिद्वार में पितृ दिवस मनाने का पहला और अनूठा प्रयास था, जो बेहद सफल रहा। दर्शकों ने इसे यादगार और प्रेरणादायक बताया।

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