हरिद्वार, 14 जून 2025: श्री रामेश्वर आश्रम, कनखल में श्रीमती कमलेश सहारनपुर वालों की स्मृति में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन कथा व्यास महामण्डलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि कलयुग में भगवान के नाम का जप ही मुक्ति का सबसे सरल और प्रभावी साधन है। उन्होंने बताया कि भगवान के दिव्य नाम का उच्चारण मनुष्य के पापों को नष्ट कर जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति दिलाता है। कीर्तन और नाम जप से मन शुद्ध होकर आनंद और शांति की प्राप्ति होती है।
कथा में सती अनसुईया और राजा दक्ष के यज्ञ प्रसंग ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। स्वामी जी ने ध्रुव चरित्र का वर्णन करते हुए बताया कि पांच वर्षीय ध्रुव को सौतेली मां सुरुचि के तानों से प्रेरणा मिली और माता सुनीति के मार्गदर्शन में उन्होंने भगवान नारायण की भक्ति की। स्वामी जी ने भक्त प्रहलाद का उदाहरण देते हुए कहा कि सच्ची श्रद्धा और धैर्य से भक्ति मार्ग पर अडिग रहा जा सकता है। प्रहलाद को गर्भ में ही ब्रह्मज्ञान प्राप्त हुआ, जिसके कारण वे विपत्तियों में भी अटल रहे और भगवान ने नरसिंह अवतार लेकर उनकी रक्षा की।
कथा समापन पर भजनों की मधुर धुनों पर श्रद्धालु झूम उठे। कथा में भारी संख्या में ग्रामीण और भागवत प्रेमी उपस्थित रहे। व्यवस्था डा. रजनीकांत शुक्ल ने संभाली। इस अवसर पर राजकुमार चौहान, शिवम् चौहान, अमीर चौहान सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे। कथा से पूर्व रुद्राभिषेक, पूजा और यज्ञ संपन्न हुए।