देहरादून, 28 मई 2025: उत्तराखंड सरकार ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में “उत्तराखंड योग नीति 2025” को मंजूरी देकर ऐतिहासिक कदम उठाया है। देश की पहली योग नीति के तहत राज्य को “योग और वेलनेस की वैश्विक राजधानी” के रूप में स्थापित करने की दिशा में ठोस पहल शुरू की गई है। सचिव आयुष एवं आयुष शिक्षा दीपेंद्र चौधरी ने बताया कि यह नीति योग, पर्यटन और आर्थिक विकास का संगम है, जो उत्तराखंड की आध्यात्मिक विरासत को वैश्विक मंच पर ले जाएगी।
**नीति के प्रमुख बिंदु:**
– **2030 तक 5 योग हेल्थ हब**: राज्य में 5 नए योग हेल्थ हब स्थापित होंगे।
– **योग वेलनेस सेंटर**: मार्च 2026 तक प्रत्येक जिले में योग वेलनेस सेंटर शुरू होंगे।
– **संस्थानों का पंजीकरण**: योग संस्थानों के लिए पंजीकरण अनिवार्य, ऑनलाइन पोर्टल बनेगा।
– **अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन**: 2028 तक 15-20 देशों की भागीदारी के साथ योग सम्मेलन आयोजित होंगे।
– **प्रशिक्षण**: प्रतिवर्ष 500 से अधिक योग प्रशिक्षकों को प्रमाणन।
**प्रोत्साहन:**
– योग ध्यान केंद्रों को 50% वित्तीय सहायता (अधिकतम ₹20 लाख)।
– अनुसंधान के लिए ₹10 लाख तक अनुदान।
– मौजूदा संस्थानों को सहायता और योग प्रशिक्षक प्रमाणन प्रणाली।
**बजट और ढांचा:**
– अगले 5 वर्षों में ₹35 करोड़ का निवेश, जिसमें योग केंद्रों के लिए ₹1 करोड़, शिक्षक प्रशिक्षण के लिए ₹1.81 करोड़ और योग पाठ्यक्रमों के लिए ₹7.5 करोड़ शामिल।
– योग निदेशालय और उच्च स्तरीय राज्य समिति नीति के क्रियान्वयन की निगरानी करेगी।
**प्रभाव:**
– 13,000 से अधिक रोजगार सृजन।
– 2,500 से अधिक प्रमाणित योग प्रशिक्षक।
– 10,000 से अधिक संस्थानों में योग गतिविधियों का विस्तार।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “यह नीति उत्तराखंड को योग और वेलनेस का वैश्विक केंद्र बनाएगी, जो स्वास्थ्य, पर्यटन और अर्थव्यवस्था को मजबूती देगी।” सचिव आयुष ने जोड़ा कि यह नीति राज्य की सांस्कृतिक पहचान को विश्व स्तर पर उजागर करेगी।