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ज्ञानेश कुमार गुप्ता बने नए मुख्य चुनाव आयुक्त

आगरा के निवासी, अनुच्छेद 370 हटाने और राम मंदिर निर्माण में निभाई अहम भूमिका

आगरा की विजय नगर कॉलोनी निवासी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ज्ञानेश कुमार गुप्ता को देश का नया मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है। वे इससे पहले गृह मंत्रालय में सचिव रह चुके हैं और अनुच्छेद 370 हटाने से लेकर राम मंदिर निर्माण समिति के सदस्य के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं।

शिक्षा और प्रशासनिक सफर

ज्ञानेश कुमार गुप्ता का जन्म आगरा में हुआ। उनके पिता डॉ. सुबोध कुमार गुप्ता मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं, जबकि मां सत्यवती गुप्ता योग सिखाती हैं। पिता की सरकारी नौकरी के कारण उनका बचपन गोरखपुर, लखनऊ और कानपुर में बीता। उन्होंने वाराणसी के क्वींस कॉलेज और लखनऊ के काल्विन तालुकेदार कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की, जहां वे टॉपर रहे। इसके बाद आईआईटी कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया और सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में जुट गए।

सिविल सेवा परीक्षा में सफलता के बाद वे 1988 बैच के आईएएस बने और केरल कैडर में शामिल हुए। उनकी पहली नियुक्ति तिरुवनंतपुरम के डीएम के रूप में हुई। बाद में उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएशन भी किया।

केंद्र सरकार में निभाई अहम भूमिकाएँ

2007-2012: रक्षा मंत्रालय में संयुक्त रक्षा सचिव

2014: केरल सरकार के दिल्ली में रेजिडेंट कमिश्नर

इराक से भारतीयों की सुरक्षित वापसी: इस्लामिक स्टेट की हिंसक गतिविधियों के बीच 183 भारतीयों को इराक से निकाला, जिनमें 46 मलयाली नर्सें भी शामिल थीं।गृ

ह मंत्रालय में सचिव रहते हुए: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण समिति के सदस्य के रूप में सरकार के फैसलों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

परिवार में 28 डॉक्टर, बेटियाँ आईएएस और आईआरएस

ज्ञानेश कुमार का परिवार मूल रूप से मिढ़ाकुर (आगरा) का रहने वाला है। उनके परिवार में 28 सदस्य डॉक्टर हैं, लेकिन उन्होंने प्रशासनिक सेवा को चुना।

बड़ी बेटी मेधा रूपम कासगंज की जिलाधिकारी हैं, उनके पति मनीष बंसल भी आईएएस हैं।

दूसरी बेटी अभिश्री आईआरएस अधिकारी हैं, उनके पति अक्षय लाबरू आईएएस हैं।

भाई मनीष कुमार आईआरएस अधिकारी हैं और बहन रोली इंदौर में विद्यालय चलाती हैं। उनके पति उपेंद्र जैन आईपीएस अधिकारी हैं।

रिटायरमेंट के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त की जिम्मेदारी

पिछले साल जनवरी में वे सहकारिता मंत्रालय के सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए थे। अब उन्हें मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उनकी प्रशासनिक कुशलता और अनुभव के चलते यहनियुक्ति महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

 

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