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ज्योतिर्मठ में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का भव्य स्वागत, गौरक्षा को बताया प्राथमिकता**

ज्योतिर्मठ, चमोली, उत्तराखंड (27 अप्रैल 2025): उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती ‘1008’ महाराज का रविवार को ज्योतिर्मठ पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। हरिद्वार से सुबह 9 बजे रवाना होकर शाम 5 बजे ज्योतिर्मठ पहुंचे शंकराचार्य जी का मार्ग में कई स्थानों पर जोरदार अभिनंदन हुआ। सेलंग गांव के पास नगर की सीमा पर दंडीस्वामी प्रत्यक्चैतन्यमुकुंदानंदगिरी जी महाराज के नेतृत्व में सैकड़ों भक्तों और मठ के विद्यार्थियों ने उनका स्वागत किया।

 

शंकराचार्य जी ने ‘गोमाता राष्ट्रमाता प्रकल्प’ पर प्रकाश डालते हुए कहा, “गाय में 33 कोटि देवता निवास करते हैं। गाय केवल दूध ही नहीं, बल्कि हर आवश्यक वस्तु प्रदान करती है। ज्योतिर्मठ की ज्योति को जलाने के लिए गोघृत अनिवार्य है, और इसके लिए गौरक्षा हमारा प्रथम कर्तव्य है।” उन्होंने घोषणा की कि पूरे देश में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में ‘रामा गोधाम’ की स्थापना की जाएगी, जिसकी शुरुआत ज्योतिर्मठ से होगी। साथ ही, अक्षय तृतीया से गोमाता की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट शुरू किया जाएगा।

 

दंडी स्वामी जी ने बताया कि अक्षय तृतीया के दिन ज्योतिर्मठ में विशाल भंडारे का आयोजन होगा। ज्योतिर्मठ के व्यवस्थापक विष्णुप्रियानंद ब्रह्मचारी ने वैदिक मंत्रों के साथ शंकराचार्य जी की चरण पादुका की पूजा की। नगर पालिका अध्यक्ष सुश्री देवेश्वरी शाह ने सभी का आभार व्यक्त किया।

 

शंकराचार्य जी वैशाख शुक्ल सप्तमी को भगवान बदरीनाथ के कपाट खुलने तक ज्योतिर्मठ में रहेंगे। इस दौरान प्रतिदिन शाम 5 से 7 बजे तक सत्संग और उनके आशीर्वचन का आयोजन होगा। सभा में कुशलानंद बहुगुणा, पीठ पुरोहित आनंद सती, शिवानंद उनियाल, जयदीप मन्द्रवाल, सौरभ राणा, प्रदीप भट्ट सहित अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।

 

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