पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आंदोलनकारियों और उनके परिजनों के सम्मान में बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ पेंशन नहीं, बल्कि “सहमति एवं कृतज्ञता” का प्रतीक है।
जेल या आंदोलन के दौरान घायल हुए आंदोलनकारियों को मासिक पेंशन ₹6,000 से बढ़ाकर ₹7,000 की जाएगी।
अन्य आंदोलनकारियों को मासिक पेंशन ₹4,500 से बढ़ाकर ₹5,500 की जाएगी।
विकलांग आंदोलनकारियों (पूर्ण शय्याग्रस्त) को पेंशन ₹20,000 से बढ़ाकर ₹30,000 की जाएगी; उनकी देखभाल के लिए मेडिकल अटेंडेंड की व्यवस्था भी होगी।
शहीद आंदोलनकारियों के आश्रितों को मासिक पेंशन ₹3,000 से बढ़ाकर ₹5,500 की जाएगी।
इसके अलावा, शहीद आंदोलनकारियों के नाम पर उनकी क्षेत्रीय मुख्य आवस्थापना सुविधाओं का नामकरण होगा; शहीद स्मारकों का सौंदर्यीकरण किया जाएगा।
वर्ष 2021 तक जिलाधिकारी कार्यालय में लंबित आवेदन देने वालों के लिए छह महीने का समय बढ़ाया जाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य का निर्माण महज एक राजनीतिक फैसला नहीं था, बल्कि “देवभूमि के लाखों लोगों के बलिदान, संघर्ष और तप का परिणाम” था। उन्होंने याद दिलाया कि खटीमा, मसूरी और रामपुर तिराहा जैसी घटनाएँ राज्य आंदोलन के अमर अध्याय हैं।
इस घोषणा से राज्य आंदोलनकारियों, शहीदों तथा उनके परिवारों को लंबे समय तक अपेक्षित सम्मान और स्थिर आर्थिक समर्थन मिलेगा।




