उत्तराखंड रजत जयंती वर्ष 2025 के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को संत समाज ने आशीर्वाद और “देवभूमि के धर्म-संरक्षक” की उपाधि दी है। देशभर के प्रमुख संतों एवं धर्माचार्यों ने मुख्यमंत्री आवास पर उनसे भेंट कर उनके सांस्कृतिक संरक्षण, आध्यात्मिक समृद्धि और विकास कार्यों की सराहना की। इस आध्यात्मिक संगम में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने विशेष रूप से मुख्यमंत्री धामी की प्रशंसा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उत्तराखंड आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक विकास की ओर तीव्र गति से बढ़ रहा है और कुम्भ-2027 को भव्य और विश्व-स्तरीय आयोजन बनाने में संत समाज सरकार के साथ पूरी निष्ठा से कार्य करेगा।संत समाज ने राज्य की धार्मिक, सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण और आध्यात्मिक पर्यटन के विकास के लिए मुख्यमंत्री धामी की दूरदर्शी नीतियों को सराहा और कहा कि उनकी पहल से उत्तराखंड विश्व में योग एवं अध्यात्म का केंद्र बन रहा है। संतों ने रजत जयंती वर्ष को आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत के संवर्धन का ऐतिहासिक वर्ष बताया और सभी संत-महात्माओं ने मुख्यमंत्री धामी को प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि हेतु आशीर्वाद दिया।मुख्यमंत्री आवास में इस कार्यक्रम में जगद्गुरु शंकराचार्य राजराजेश्वर महाराज, आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी, स्वामी अवधेशानंद गिरि, स्वामी चिदानंद सरस्वती, अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी सहित अनेक प्रमुख संत एवं धर्मगुरु उपस्थित थे।यह कार्यक्रम उत्तराखंड के सांस्कृतिक गौरव को बढ़ावा देने, धार्मिक एकता को मजबूत करने और कुम्भ-2027 की बेहतर योजना के लिए भी एक महत्वपूर्ण संगम था, जिसमें संत समाज ने सरकार के कार्यों पर विश्वास व सहयोग व्यक्त किया।
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